कोंडागांव से रजत बाजपेयी की रिपोर्ट। Bastar Dare Devils Women Bikers नई दिल्ली से बस्तर पहुंची डेयर डेविल्स महिला बाइकरों की टीम में बस्तर जिले के छोटे से गांव राजूर की बेटी सारा कश्यप भी शामिल हैं। सारा ने बंसल न्यूज़ से बातचीत में बस्तर की बेटियों के लिए संदेश देते कहा कि खूब पढ़े, खूब आगे बढ़े, तभी हमारा जिला प्रदेश और देश विकसित हो पाएगा। उन्होंने हर आदिवासी अभिभावक से भी अपील की है कि वे अपनी बेटियों को स्कूली शिक्षा के साथ ही उच्च शिक्षा भी दिलवाए ताकि वे हर उस मुकाम को हासिल कर सकें, जिसकी वे हकदार हैं।
तारा कहती हैं कि बस्तर की मिट्टी में ही कुछ खासियत है। यहां के बच्चों में भी पर्याप्त टैलेंट है। जरूरी है उसे सही दिशा दिखाने की। दल के साथ आई असिस्टेंट कमांडेंट कहती हैं कि उनकी आयु 56 वर्ष है, वह लंबे समय से सीआरपीएफ में सेवाएं दे रही हैं। दल में शामिल 90 फ़ीसदी युवतियां ऐसी हैं, जिन्होंने पहले भी बस्तर में सेवाएं दी हैं। इसलिए बस्तर किसी के लिए नया नहीं है। पहले की तुलना में अब के बस्तर को उन्होंने ज्यादा अच्छा और बदला हुआ बताया।
सारा जिस राजूर गांव की रहने वाली हैं वहां कभी नक्सलियों का प्रभाव हुआ करता था। खेती-किसानी करने वाले गरीब परिवार में जन्मी सारा के लिए मां-बाप ने जी तोड़ मेहनत कर पढ़ाया-लिखाया। सारा ने भी अपने माता-पिता की मेहनत को सफल होकर पूरा किया। 2021 में उनका चयन crp में हो गया।