NCP: शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) का राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा खतरे में है। केंद्रीय चुनाव आयोग (EC) इसकी समीक्षा करने जा रहा है कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का राष्ट्रीय पार्टी होने का दर्जा बहाल रखा जाए या छीन लिया जाए? बता दें कि एनसीपी महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी गठबंधन का हिस्सा है। बता दें कि राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा खोने का डर केवल NCP पर नहीं है बल्कि मायावती की बसपा और भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी (CPI) पर भी है।
बता दें कि किसी भी पार्टी को राष्ट्रीय कहे जाने के लिए कुछ नियम और शर्तें हैं। इसके लिए जरूरी है कि कोई पार्टी तीन राज्यों के लोकसभा चुनाव में 2 फीसद सीटें जीते यानी 11 सीटों पर जीत हासिल जरूरी है। इसके अलावा चार लोकसभा सीटों के अलावा कोई पार्टी लोकसभा में छह फीसदी वोट हासिल करे।
नेशनल पार्टी को क्या होता है फायदा?
जिन पार्टियों को नेशनल पार्टी होने का दर्जा हासिल होता है उनका चुनाव चिन्ह पूरे देश में मान्य होता है। राजधानी दिल्ली में पार्टी ऑफिस के लिए जगह मिल जाती है। इसके अलावा चुनाव के दौरान पब्लिक ब्रॉडकास्टर्स की ओर से ऑन एयर आने का मौका मिलता है, जिसकी बदौलत पार्टी अपने संदेश जनता तक आसानी से पहुंचा पाती है।
नेशनल पार्टी का दर्जा छीनने पर क्या नुकसान?
अगर किसी पार्टी का नेशनल पार्टी होने का दर्जा छीन लिया जाता है तो ऐसी स्थिति में पार्टी एक चुनाव चिन्ह से पूरे देश में चुनाव नहीं लड़ पाती। उसे हर राज्यों के विधानसभा चुनावों में हिस्सा लेने के लिए अलग-अलग पार्टी चिन्हों का इस्तेमाल करना पड़ता है।
बता दें कि चुनाव आयोग दस सालों में यह समीक्षा करता है कि कोई राजनीतिक दल राष्ट्रीय दर्जा वाला दल कहे जाने का हकदार है या नहीं। पहले महज 5 सालों में समीक्षा की जाती थी लेकिन 2016 में नियमों में संशोधन कर दिया गया था।