Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश में नर्मदा नदी के किनारे रहने वाली आदिवासी आबादी को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने के लिए ‘बोट एम्बुलेंस’ Boat Ambulance की शुरूआत की गई है। यह नाव नर्मदा नदी के किनारे एमपी के धार, अलीराजपुर और बड़वानी जिले के आदिवासियों के लिए जीवनी साबित होगी।
बता दें कि यह एंबुलेंस विंध्याचल और सतपुड़ा के पहाड़ी क्षेत्रों के बीच चलेगी ताकि इन जिलों में नर्मदा के किनारे रहने वाले आदिवासी लोगों को आपातकालीन स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकें। नर्मदा किनारे बसे आदिवासियों की मदद के लिए नर्मदा समग्र न्यास द्वारा पहल की गई थी। न्यास पिछले 15 सालों से स्वास्थ्य, शिक्षा और कृषि संबंधी सेवाएं प्रदान करने के लिए लगातार काम कर रही है।
मध्य प्रदेश के कैबिनेट मंत्री राजवर्धन सिंह दत्तीगांव ने कहा, “नर्मदा समग्र न्यास ने अच्छा काम किया है। मैं भाजपा के पूर्व राज्यसभा सांसद स्वर्गीय अनिल कुमार दवे के प्रयासों को याद करना चाहूंगा जिन्होंने काम करते रहने की प्रेरणा प्रदान की। उन्होंने यह पहल 2011 में शुरू की थी और उस समय ग्रामीणों को डर था कि यह सफल नहीं होगा लेकिन यह सफल रहा और ग्रामीणों को इसका लाभ मिला है।
प्रशासन से कहा गया है कि लोगों को एंबुलेंस की जानकारी दी जाए। मंत्री ने कहा कि सरकारी टीम, जिसमें आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, आशा कार्यकर्ता, 108 एंबुलेंस शामिल हैं, सहित सभी आवश्यक सहायता उन्हें दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि बोट एंबुलेंस से न केवल मध्य प्रदेश बल्कि गुजरात और महाराष्ट्र के जिलों को भी लाभ होगा क्योंकि यहां तीन राज्यों की सीमा जुड़ती है। बोट एंबुलेंस आने वाले दिनों में इलाके में काफी मददगार साबित होगी।
अब, यह नई नाव एम्बुलेंस अधिक एडवांस्ड है, इसमें 1.5 गुना अधिक जगह है। एम्बुलेंस 40 एचपी के पेट्रोल इंजन द्वारा संचालित है। एंबुलेंस अपने रूट मैप के मुताबिक एक हफ्ते में करीब 100 किलोमीटर के दायरे को कवर करेगी। इसमें एक रेजिडेंट डॉक्टर होगा। यात्रा के दौरान आवश्यक जीवन रक्षक सेवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी और पांच दिनों का इसका रूट भी पूर्व नियोजित होगा।