रायपुर। CG Reservation Update कांग्रेस विधायकों और मंत्रियों ने सोमवार को छत्तसीगढ़ के राज्यपाल से मुलाकात कर आरक्षण विधेयक पर चर्चा की। इस दौरान मंत्री कवासी लखमा के साथ कांग्रेस के नेता मौजूद रहे। लखमा ने कहा कि राज्यपाल का रुख हमें सकारात्मक नहीं लगा। राज्यपाल से बहुत गंभीरता से बात हुई, लेकिन उम्मीद कम है। राज्यपाल भी बीजेपी के दबाव में हैं, ऐसा प्रतीत हो रहा है। उन्होंने कहा कि जब तक आरक्षण विधेयक पर हस्ताक्षर नहीं होगा हम बार-बार आएंगे।
कावासी लखमा के बयान पर डॉ. रमन सिंह का बयान
वहीं इस मामले में कैबिनेट मंत्री कावासी लखमा के बयान पर पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने भी बयान दिया। उन्होंने कहा कि राज्यपाल सर्वोच्च और संवैधानिक पद होता है। राज्यपाल नियम कायदे कानून से काम करते हैं, राज्य सरकार के निर्देश पर नहीं विधि विशेषज्ञों की राय लेकर वह अपनी बात करते हैं, इस प्रकार की राजनीतिक टिप्पणी राज्यपाल पर किया जाना छत्तीसगढ़ में ही देखने को मिलता है। राज्य सरकार के मंशा अनुरुप गवर्नर नहीं चलेंगे सरकार दबाव डालेगी तो नहीं होगा।
राज्यपाल को मिल चुका हाईकोर्ट से नोटिस
बता दें कि छत्तीसगढ़ में इन दिनों आरक्षण के मामला गर्माया हुआ है। इस बीच आरक्षण संशोधन बिल पर राज्यपाल द्वारा हस्ताक्षर नहीं किए जाने पर राज्यपाल को हाईकोर्ट से नोटिस भी जारी किया गया था। नोटिस जारी करते हुए हाई कोर्ट ने राज्यपाल से जवाब तलब किया गया था, जिसमें नोटिस जारी कर आरक्षण बिल पर हस्ताक्षर नहीं किए जाने पर राज्यपाल से सवाल पूछे गए थे। राज्यपाल ने भी अपने जवाब दिए थे।
76% आरक्षण का प्रावधान
छत्तीसगढ़ में नए आरक्षण बिल में 76% आरक्षण का प्रावधान है। वहीं इस बिल पर अब तक राज्यपाल द्वारा हस्ताक्षर नहीं किए जाने के मामले में हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। राज्य सरकार की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता SC कपिल सिब्बल और हाई कोर्ट के महाअधिवक्ता सतिशचंद वर्मा ने पैरवी की है। यहां बता दें कि छत्तीसगढ़ में इन दिनों आरक्षण बिल पर सियासत और घमासान जारी है। बात अब हाई कोर्ट तक पहुंच गई है।