UAPA: आपआमतौर पर टीवी, सोशल मीडिया पर आए दिन सुनते होंगे की किसी के ऊपर UAPA लगा या फिर कोई देशद्रोही या आतंकवादी करार हो गया। आखिर ये UAPA है क्या?
भारत में ये कानून किसने लाया। आईए जानते है।
यूएपीए क़ानून दरअसल एक स्पेशल लॉ है जो विशेष परिस्थितियों में लागू किया जा सकता है। भारत में वर्तमान में यूएपीए ऐक्ट एकमात्र ऐसा कानून है जो मुख्य रूप से गैकानूनी और आतकंवाद से जुड़ी गतिविधियों पर लागू होता है। ऐसे कई अपराध थे जिनका आईपीसी में जिक्र नहीं था, इसलिए 1967 में इसकी ज़रूरत महसूस की गई और ये कानून लाया गया। जैसे गैरकानूनी और आतंकवाद से जुड़ी गतिविधियां, आतंकवादी गिरोह और आतंकवादी संगठन क्या हैं और कौन हैं, यूएपीए ऐक्ट इसे स्पष्ट रूप से परिभाषित करता है। कश्मीर में आईपीसी की जगह पर रणबीर पीनल कोड लागू था लेकिन यूएपीए कानून पूरे भारत में लागू है।
यह कानून भारत सराकर की जांच एजेंसी एनआईए और पुलिस महानिदेशक के अंदर आता है। एनआईए के महानिदेशक को हर आतंकवादी संगठन, गतिविधि, गैर कानूनी तरीके से काम, किसी भी समुदाय में समाज में हिंसा या भड़काओ भाषण प्रतियोगिता आदि को रोकना होता है। एनआईए को ये अधिकार साल 2019 में अमेंडमेंट्स में किया गया था।
रिपोर्टस के मुताबिक, साल 2016 से 2020 के बीच कुल 24 हजार 134 लोगों को यूएपीए UAPA कानून के तहत गिरफ्तार किया गया और उनके खिलाफ सुनवाई हुई, लेकिन इनमें से केवल 212 लोग ही दोषी साबित हो सके।