Bansal news
  • होम
  • टॉप न्यूज
  • टॉप वीडियो
  • मध्यप्रदेश
    • भोपाल
    • इंदौर
    • उज्जैन
    • ग्वालियर
    • चंबल
    • जबलपुर
    • रीवा
    • शहडोल
    • नर्मदापुरम
  • छत्तीसगढ़
    • रायपुर
    • बिलासपुर
    • दुर्ग
    • बस्तर
    • सरगुजा
    • कोरबा
    • अंबिकापुर
    • रायगढ़
    • जगदलपुर
    • भिलाई
  • उत्तर प्रदेश
    • लखनऊ
    • कानपुर
    • मेरठ
    • गौतम बुद्धनगर (नोएडा)
    • आगरा
    • मथुरा
    • अयोध्या
    • प्रयागराज
    • गोरखपुर
    • वाराणसी
    • मुरादाबाद
    • बरेली
  • भारत
    • राजस्थान
    • महाराष्ट्र
    • दिल्ली
    • बिहार
    • पंजाब-हरियाणा
    • जम्मू-कश्मीर
    • प.बंगाल
    • गुजरात
  • देश-विदेश
  • राशिफल-शुभ मुहूर्त
    • आज का राशिफल
    • ज्योतिष
    • पंचांग-शुभ मुहूर्त
  • वेब स्टोरी
  • शॉर्ट्स
  • यूटिलिटी
  • लाइफस्टाइल
  • MORE
    • एजुकेशन-करियर
    • करियर टिप्स
    • बजट 2025
    • जॉब्स अपडेट
    • रिजल्ट्स
    • बंसल न्यूज एक्सक्लूसिव
    • धर्म-अध्यात्म
    • बिज़नेस-फायनेंस
    • एक्सप्लेनर
    • टेक-ऑटो
    • ट्रैवल-टूर
    • चुनाव 2025
    • खेल
    • खाना-खजाना
    • विचार मंथन
    • फोटो गैलरी
    • महाकुंभ 2025
  • होम
  • टॉप न्यूज
  • टॉप वीडियो
  • मध्यप्रदेश
    • भोपाल
    • इंदौर
    • उज्जैन
    • ग्वालियर
    • चंबल
    • जबलपुर
    • रीवा
    • शहडोल
    • नर्मदापुरम
  • छत्तीसगढ़
    • रायपुर
    • बिलासपुर
    • दुर्ग
    • बस्तर
    • सरगुजा
    • कोरबा
    • अंबिकापुर
    • रायगढ़
    • जगदलपुर
    • भिलाई
  • उत्तर प्रदेश
    • लखनऊ
    • कानपुर
    • मेरठ
    • गौतम बुद्धनगर (नोएडा)
    • आगरा
    • मथुरा
    • अयोध्या
    • प्रयागराज
    • गोरखपुर
    • वाराणसी
    • मुरादाबाद
    • बरेली
  • भारत
    • राजस्थान
    • महाराष्ट्र
    • दिल्ली
    • बिहार
    • पंजाब-हरियाणा
    • जम्मू-कश्मीर
    • प.बंगाल
    • गुजरात
  • देश-विदेश
  • राशिफल-शुभ मुहूर्त
    • आज का राशिफल
    • ज्योतिष
    • पंचांग-शुभ मुहूर्त
  • वेब स्टोरी
  • शॉर्ट्स
  • यूटिलिटी
  • लाइफस्टाइल
  • MORE
    • एजुकेशन-करियर
    • करियर टिप्स
    • बजट 2025
    • जॉब्स अपडेट
    • रिजल्ट्स
    • बंसल न्यूज एक्सक्लूसिव
    • धर्म-अध्यात्म
    • बिज़नेस-फायनेंस
    • एक्सप्लेनर
    • टेक-ऑटो
    • ट्रैवल-टूर
    • चुनाव 2025
    • खेल
    • खाना-खजाना
    • विचार मंथन
    • फोटो गैलरी
    • महाकुंभ 2025
Bansal news

Shri Hanuman Chalisa Path Ke Niyam : हाथ बज्र औ ध्वजा बिराजे, काँधे मूँज जनेउ साजे…..जानें अर्थ, जाप करने का तरीका

Preeti Dwivedi by Preeti Dwivedi
March 16, 2023-10:52 AM
in धर्म-अध्यात्म
Share on FacebookShare on TwitterShare on Whatsapp

नई दिल्ली। Shri Hanuman Chalisa Path Ke Niyam  हमारे धर्म शास्त्र में संकटमोचन श्री हनुमान की आराधना करने से सारे कष्ट दूर होते हैं। पर कई बार भक्त इनके पाठ को गलत तरीके से करते हैं। जिससे उन्हें लाभ होने की बजाए नुकसान झेलने पड़ सकते हैं। ऐसे में यदि आप भी श्रीहनुमान चालीसा करते हैं तो आपको इसके नियम जान लेने चाहिए। आज हम बात करेंगे श्लोक नंबर 4 की। तो चलिए जानते हैं इसके बारे में सब कुछ पंडित अनिल पांडे (8959594400)से।

हाथ बज्र औ ध्वजा बिराजे
काँधे मूँज जनेउ साजे
शंकर सुवन केसरी नंदन,
तेज प्रताप महा जग बंदन

अर्थ
आपके एक हाथ में बज्र है और दूसरे हाथ में ध्वजा है। आपके कंधे पर मूंज का यज्ञोपवीत शोभायमान हो रहा है। आप भगवान शंकर के अवतार हैं और और वानर राज केसरी के पुत्र हैं। पूरा विश्व आपके प्रताप के तेज की वंदना करता है।

भावार्थ
हमारे प्राचीन हस्तरेखा विज्ञान के अनुसार हाथ में वज्र और ध्वजा का चिन्ह होना बहुत ही शुभ माना जाता है। इसी प्रकार से हनुमानजी के एक हाथ में वज्र समान कठोर गदा है और दूसरे हाथ में सनातन धर्म की ध्वजा है। परम वीर हनुमान जी इस प्रकार सनातन धर्म की ध्वजा फहराते हुए, गदा से पापों का नाश करते हुए लगातार आगे बढ़ रहे हैं। वह इस जगत में सर्वश्रेष्ठ हैं, क्योंकि वे भगवान शंकर के ग्यारहवें रूद्र के अवतार हैं। जगत में वानर राज केसरी के पुत्र के नाम से विख्यात हैं। आपका प्रताप पूरे विश्व में अत्यंत तेज होकर फैल रहा है और पूरा विश्व आपकी वंदना करता है।

संदेश
मनुष्य के अंदर जो बल और ज्ञान होता है, वही उसे तेज और प्रताप प्रदान करता है। ऐसे व्यक्ति की साधारण सी वेशभूषा भी उसे सुंदर दर्शाती है।

इन चौपाइयों को बार बार पढ़ने से होने वाला लाभ

हाथ बज्र औ ध्वजा बिराजे, काँधे मूँज जनेउ साजे
शंकर सुवन केसरी नंदन, तेज प्रताप महा जग बंदन

लाभ

हनुमान चालीसा की ये चौपाइयां विजय दिलाती है और इनकी बार बार पढ़ने से व्यक्ति के ओज और कांति में वृद्धि होती है।

विवेचना
इस चौपाई में हनुमान जी के हाथों में वज्र और ध्वजा बताई गई है, जबकि सामान्य तौर पर कहा गया है कि हनुमान जी के हाथों में गदा होती है। वज्र इंद्रदेव अस्त्र कहलाता है और यह सबसे भयानक अस्त्र माना जाता है। वज्र का निर्माण मुनि दधीच की हड्डी से हुआ था। इंद्रलोक पर एक बार वृत्रासुर नामक राक्षस ने अधिकार कर लिया था। ब्रह्मा जी का उसके पास वरदान था कि वह किसी भी प्रकार के अस्त्र-शस्त्र से उसकी मृत्यु नहीं हो सकती। देवता गण अपनी व्यथा लेकर ब्रह्मा विष्णु और महेश के पास गए। ब्रह्मा जी ने बताया कि पृथ्वी लोक में ऋषि दधीचि की हड्डी को दान में प्राप्त कर उन हड्डियों का उपयोग कर हथियार बनाएं तो वृत्रासुर की मृत्यु हो सकती है। इसके उपरांत देवगण ऋषि दाधीच के पास गए और उनसे दान में उनकी हड्डियों को प्राप्त किया। इन हड्डियों से भगवान इन्द्र के वज्र का निर्माण ‘त्वष्टा’ नामक देवता- द्वारा किया गया।

इस चौपाई में वज्र शब्द का उपयोग संज्ञा की तरह से ना होकर विशेषण के रूप में किया गया है। हनुमान जी की गदा की ताकत वज्र के समान बताया गया है। गदा को ही वज्र कहा गया है। आज भी मजबूती बताने के लिए उसको वज्र के समान कहा जाता है जैसे कि सीमेंट, पुलिस के अस्त्र, गाड़ियां आदि। वहीं पौराणिक काल में और आज भी सेना में ध्वज का बड़ा महत्व होता है। सेना की हर कंपनी का अपना एक अलग निशान या ध्वज होता है। हनुमान जी के पास किस तरह का ध्वज था, इसका कहीं कोई विवरण नहीं मिलता है। हनुमान जी संभवत राम जी के निशान वाले ध्वज को प्रयोग करते होंगे। हनुमान जी के कंधे पर यज्ञोपवीत है। सनातन धर्म में यज्ञोपवीत का बड़ा महत्व है। यज्ञोपवीत शब्द यज्ञ+उपवीत दो शब्दों से मिलकर बना है। यज्ञोपवीत को जनेऊ भी कहते हैं। इसे उपनयन संस्कार के उपरांत पहना जाता है। इसके उपरांत विद्यारंभ होती है। मुंडन और पवित्र जल में स्नान भी इस संस्कार के अंग होते हैं। इस पवित्र धागा को यज्ञोपवीतधारी व्यक्ति बाएँ कंधे के ऊपर तथा दाईं भुजा के नीचे पहनते हैं। हर शुभ एवं अशुभ कार्यों में कर्मकांड के दौरान यज्ञोपवित को शव्य एवं अपशव्य किया जाता है। जनेऊ को धारण करना इस बात का प्रमाण है कि हनुमान जी मानव थे बंदर नहीं। बहुत साफ है कि हनुमान जी शिव जी के अध्यात्मिक पुत्र हैं, पवन देव के औरस पुत्र और वानर राज केसरी के सामाजिक पुत्र हैं। आम धारणा है कि हनुमान जी भगवान शिव के 11 में रुद्र के अवतार हैं। इसके अलावा पवन देव के औरस पुत्र थे तथा महाराज केसरी के पुत्र हैं।

वेदों में शिव का नाम ‘रुद्र’ रूप में आया है। रुद्र का अर्थ होता है भयानक। रुद्र संहार के देवता और कल्याणकारी हैं। विद्वानों के मत से सभी रुद्र व्यक्ति को सुख, समृद्धि, भोग, मोक्ष प्रदान करने वाले एवं व्यक्ति की रक्षा करने वाले हैं। शिवपुराण के शिव शतरूद्र संहिता के अध्याय 19 और 20 में शिव जी के दुर्वासा अवतार और हनुमत अवतार का वर्णन है। इसमें बताया गया है कि कामदेव के वाण से जब भगवान शिव क्षुब्ध हो गए थे, उस समय उनका वीर्य पात हो गया था। इस वीर्य को सप्तर्षियों द्वारा पुत्रपुटक में स्थापित कर लिया गया। सप्तर्षियों के मन में यह प्रेरणा भगवान शिव ने ही राम कार्य के लिए दी थी। इसके उपरांत महर्षि ने शंभू के इस वीर्य को राम कार्य की सिद्धि के लिए गौतम ऋषि की कन्या अंजनी के कान के रास्ते स्थापित कर दिया। वीर्य को स्थापित करने के लिए पवन देव को माध्यम बनाया गया था। समय आने पर उस गर्भ से महान बली पराक्रम संपन्न बालक उत्पन्न हुए जिनका नाम बजरंगी रखा गया। इस प्रकार हनुमान जी के जन्म में भगवान शिव के वीर्य को माता अंजनी के कान के रास्ते का उपयोग कर पवन देव के माध्यम से स्थापित किया गया था, अतः भगवान हनुमान पवन देव के औरस पुत्र और भगवान शिव के 11वें रूद्र के अवतार हुए। गौतम ऋषि की कन्या अंजनी का विवाह वानर राज केसरी से हुआ था। अतः वानर राज केसरी, हनुमान जी के प्रत्यक्ष पिता हुए। जैसा कि पूर्व में बताया जा चुका है माता अंजनी के पिता के बारे में कई कहानियां प्रचलित हैं, परंतु सभी कहानियों के अनुसार उनका विवाह वानर राज केसरी हुआ था। अब यह स्पष्ट है हनुमान जी शंकर जी के वीर्य से उत्पन्न पवन देव के औरस पुत्र हैं। इसलिए उनके अंदर भगवान शिव और पवन देव दोनों का तेज आ गया था।

इनके तेज के संबंध में वाल्मीकि रामायण के किष्किंधा कांड में कहा गया है-

सत्वं केसरिणः पुत्रःक्षेत्रजो भीमविक्रमः।

मारुतस्यौरसः पुत्रस्तेजसा चापि तत्समः।।

(वाल्मीकि रामायण, किष्किन्धा काण्ड, सप्तषष्टितम सर्ग, श्लोक 29)
हे वीरवर! तुम केसरी के क्षेत्रज पुत्र हो। तुम्हारा पराक्रम शत्रुओं के लिए भयंकर है। तुम वायुदेव के औरस पुत्र हो, इसलिए तेज की दृष्टि से उन्हीं के समान हो। इससे सिद्ध है कि हनुमान जी के पिता केसरी थे, परन्तु उनकी माता अंजनी ने हनुमान जी को पवन देव से नियोग द्वारा प्राप्त किया था।

हनुमत पुराण के खंड 4 में हनुमान जी के बाल काल के बारे में बताया गया है। हनुमान जी के बाल काल में ही एक बार कपिराज केशरी कहीं बाहर गए हुए थे। माता अंजना ने बालक को पालने में रख कर बाहर चली गई थी। बालक हनुमान जी को भूख लगी और वह रोने लगे। इसी समय उनकी दृष्टि पूरब दिशा की तरफ गई। जहां सुबह हो रही थी। उन्होंने सूर्य के लाल बिंब को लाल फल समझ लिया। भगवान शिव के अवतार और पवन के पुत्र होने के कारण हनुमान जी के पास जन्म से ही उड़ने की शक्ति थी। वे वायु मार्ग से सूर्य की तरफ जाने लगे। वायु देव को अपने पुत्र की चिंता हुई। वे शीतल वायु के साथ बालक हनुमान के पीछे पीछे चल दिए। इस समय सूर्य देव ने अपने तेज को कम कर दिया। हनुमान जी ने भूख के कारण सूर्य देव को निगल लिया। राहु उस समय सूर्य देव को ग्रहण करने के लिए आ रहा था। राहु का और हनुमान जी का वहां पर युद्ध हो गया। राहु परास्त होकर इस बात की शिकायत इंद्रदेव से की।

इंद्र देव ने बालक हनुमान पर वज्र से प्रहार किया। यह प्रहार उनकी बाईं ढोड़ी में लगा। उनकी हनु टूट गई। वे पर्वत शिखर पर गिरकर मूर्छित हो गए। अपने पुत्र को मूर्छित देखकर वायुदेव अत्यंत क्रोधित हो गए। उन्होंने अपनी गति रोक दी। वायु की गति के रुकने के कारण समस्त प्राणियों में स्वास्थ्य का संचार रुक गया। वे सभी मरणासन्न हालत में हो गए। सभी देवता गंधर्व किन्नर आदि भागते हुए ब्रह्मा जी के पास पहुंचे। ब्रह्मा जी उन सभी के साथ पवन देव के पास गये। सभी देवताओं ने देखा की पवन देव पुत्र को गोद में लिए हैं। ब्रह्मा जी को देखकर पवन देव खड़े हो गए।

पवन देवता ब्रह्मा जी के चरणों पर गिर पड़े। ब्रह्मा जी ने हनुमान जी को स्पर्श किया। हनुमान जी की मूर्छा दूर हो गई। वे उठ कर बैठ गये। अपने पुत्र को जीवित देखते ही जगत के प्राण पवन देव तत्काल बहने लगे। पूरे लोकों को जीवनदान मिला। ब्रह्मा जी ने संतुष्ट होकर हनुमान जी को वरदान दिया कि इस बालक को ब्रह्म शाप नहीं लगेगा और इसका कोई भी अंग कभी भी शस्त्रों से नहीं टूटेगा। ब्रह्मा जी ने सभी देवताओं से कहा कि वे इस बालक को वरदान दें। इंद्रदेव ने कहा कि हनुमान जी का शरीर वज्र से भी कठोर हो जाएगा। वज्र का उन पर कोई असर नहीं होगा।

सूर्यदेव ने अपने तेज का शतांश प्रदान किया और यह भी कहा कि मैं इस बालक को सभी शास्त्रों का ज्ञाता बनाऊंगा। वरुण देव ने कहा कि मेरे पाश से यह बालक सदा सुरक्षित रहेगा और इस बालक को जल से कोई भय नहीं होगा। यमदेव ने कहा की यह मेरे दंड से सदा अवध्य रहेगा। देवताओं ने अपने-अपने अस्त्रों से हनुमान जी को सुरक्षित किया तथा अपने अपने गुण हनुमान जी को प्रदान किए।

संकट मोचन हनुमान अष्टम में लिखा है-

बाल समय रवि भक्षी लियो तब
तीनहुं लोक भयो अंधियारों।
ताहि सों त्रास भयो जग को
यह संकट काहु सों जात न टारो।
देवन आनि करी बिनती तब
छाड़ी दियो रवि कष्ट निवारो।
को नहीं जानत है जग में कपि
संकटमोचन नाम तिहारो।।

इस प्रकार हनुमान जी सभी देवताओं से अधिक तेज युक्त हो गए और पूरे जग के वंदनीय कहलाये। उनके इसी तेज के कारण हनुमान जी को कलयुग का देवता भी कहा गया है। यह भी कहा गया है कि कलयुग में हनुमान जी का असर सभी देवताओं से ज्यादा पड़ता है ।

लंका विजय कर अयोध्या लौटने पर जब श्रीराम ने युद्घ में सहायता देने वाले विभीषण, सुग्रीव, अंगद आदि को उपहार देने के उपरांत हनुमान जी से पूछा कि उनको क्या चाहिए। इस पर हनुमान जी ने कहा-

यावद् रामकथा वीर चरिष्यति महीतले।
तावच्छरीरे वत्स्युन्तु प्राणामम न संशय:।।

अर्थात ‘हे वीर श्रीराम! इस पृथ्वी पर जब तक रामकथा प्रचलित रहे, तब तक निस्संदेह मेरे प्राण इस शरीर में बसे रहें।’

रामचंद्र जी ने इस पर तथास्तु कहकर आशीर्वाद दिया-

‘एवमेतत् कपिश्रेष्ठ भविता नात्र संशय:।
चरिष्यति कथा यावदेषा लोके च मामिका तावत् ते भविता कीर्ति: शरीरे प्यवस्तथा।
लोकाहि यावत्स्थास्यन्ति तावत् स्थास्यन्ति में कथा।।’

अर्थात ‘हे कपिश्रेष्ठ, ऐसा ही होगा, इसमें संदेह नहीं है। संसार में मेरी कथा जब तक प्रचलित रहेगी, तब तक तुम्हारी कीर्ति अमिट रहेगी और तुम्हारे शरीर में प्राण भी रहेंगे ही। जब तक ये लोक बने रहेंगे, तब तक मेरी कथाएं भी स्थिर रहेंगी।
इसके अलावा लीला समाप्ति पर समाप्ति के बाद भगवान राम ने हनुमान जी से कहा यह हनुमान तुम चिरंजीवी रहो और मेरी पूर्व आज्ञा का मृषा न करो-
मारुते त्वं चिरंजीव ममाज्ञां मा मृषा कृथा।
यशो जयं च मे देहि शत्रून नाशय नाशय।
(अ रा/उ का/9/35)

इस प्रकार भगवान राम की आज्ञा से हनुमान जी आज भी इस लोक में वर्तमान हैं। इस प्रकार पूरा विश्व उनकी वंदना करता है।

anil kumar 2

Preeti Dwivedi

Preeti Dwivedi

पत्रकारिता में 15 साल का अनुभव। डॉ. हरिसिंह गौर यूनिवर्सिटी से 2007 में पत्रकारिता की शिक्षा प्राप्त की। नवदुनिया, दैनिक भास्कर, तीनबत्ती न्यूज.कॉम में कार्य का अनुभव। एस्ट्रोलॉजी, यूटिलिटी और लाइफ स्टाइल की खबरों में विशेष रुचि। इस क्षेत्र में कई महिला सम्मान भी मिले। 2021 से बंसल न्यूज डिजिटल के साथ सीखने-सिखाने का सफर जारी है।

Related Posts

Dharmvad Syria Turkey Iran vichar manthan dr Brahmdeep Alune
विचार मंथन

Dharmvad: धर्म ने मानव सभ्यता को आकार दिया लेकिन जब भी धर्म को धर्मवाद में बदला गया तो पतन का कारण बना

April 5, 2025-3:16 AM
ज्योतिष

Shri Hanuman Chalisa Path Ke Niyam: महावीर विक्रम बजरंगी, कुमति निवार सुमति के संगी…जानें अर्थ, जाप करने का तरीका

April 23, 2024-1:30 AM
धर्म-अध्यात्म

Chhath Puja 2023: सूर्य की उपासना के महापर्व, छठ पूजा का समापन आज

November 20, 2023-3:27 AM
धर्म-अध्यात्म

Karwa Chauth 2023: करवा चौथ पर छलनी से क्यों करते हैं पति का दीदार, क्या कहता है शास्त्र

October 25, 2023-9:18 AM
Load More
Next Post

Assam Budget 2023-24 : इस साल युवाओं को मिलने वाली है बंपर नौकरी ! 3.22 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश, जानें क्या मिला क्या नहीं

Navodaya Vidyalaya Admission 2025
अंबिकापुर

Navodaya Vidyalaya Admission: कक्षा 6वीं में एडमिशन के लिए ऑनलाइन पंजीयन की अंतिम तिथि बढ़ी, अब इस दिन तक भरें फॉर्म

August 15, 2025-9:58 PM
टॉप वीडियो

Bhopal: पुलिस में भर्ती की प्रक्रिया अब होगी आसान, सीएम डॉ. मोहन ने की बड़ी घोषणा

August 15, 2025-9:43 PM
CG Kidnapping Case
छत्तीसगढ़

CG Kidnapping Case: 7 लाख में बिकने वाला था 9 महीने का मासूम, दुर्ग पुलिस ने पटना से किया बरामद, 5 आरोपी गिरफ्तार

August 15, 2025-9:23 PM
इंदौर

MP Police Bharti: मध्यप्रदेश पुलिस में 3 साल में भरे जाएंगे 22 हजार 500 खाली पद, CM मोहन का ऐलान, भर्ती बोर्ड भी बनेगा

August 15, 2025-9:17 PM
टेक-ऑटो

WhatsApp New Ai Feature: अब AI से लैस वॉट्सऐप का नया फीचर, अब चैट होगी प्रोफेशनल और एरर-फ्री!, जानें कैसे करेगा आपकी मदद

August 15, 2025-8:51 PM
उत्तर प्रदेश

Janmashtami 2025: कृष्ण जन्माष्टमी पर अपनों को भेजें ये 10 दिल छू लेने वाली शुभकामनाएं, हर संदेश में है प्रेम और भक्ति

August 15, 2025-8:37 PM
Whatsapp Icon चैनल से जुड़ें
Whatsapp Icon चैनल से जुड़ें

पढ़ें

देखें

  • टॉप न्यूज
  • टॉप वीडियो
  • मध्यप्रदेश
  • भोपाल
  • इंदौर
  • उज्जैन
  • ग्वालियरर
  • चंबल
  • सागर
  • जबलपुर
  • रीवा
  • शहडोल
  • नर्मदापुरम
  • छत्तीसगढ़
  • रायपुर
  • बिलासपुर
  • दुर्ग
  • बस्तर
  • सरगुजा
  • कोरबा
  • अंबिकापुर
  • रायगढ़
  • जगदलपुर
  • भिलाई
  • अन्य राज्य
  • उत्तर प्रदेश
  • राजस्थान
  • महाराष्ट्र
  • दिल्ली
  • बिहार
  • पंजाब-हरियाणा
  • जम्मू-कश्मीर
  • प.बंगाल
  • गुजरात
  • शॉर्ट्स
  • वेब स्टोरी
  • महाकुंभ 2025
  • देश-विदेश
  • राशिफल-शुभ मुहूर्त
  • आज का राशिफल
  • ज्योतिष
  • पंचांग-शुभ मुहूर्त
  • एजुकेशन-करियर
  • करियर टिप्स
  • जॉब्स अपडेट
  • रिजल्ट्स
  • यूटिलिटी
  • बंसल न्यूज एक्सक्लूसिव
  • धर्म-अध्यात्म
  • लाइफस्टाइल
  • बिज़नेस-फायनेंस
  • एक्सप्लेनर
  • टेक-ऑटो
  • ट्रैवल-टूर
  • खेल
  • खाना-खजाना
  • विचार मंथन
  • फोटो गैलरी
  • चुनाव 2024
  • बजट 2024

खोजें

bansal logo
  • About us
  • Terms & Conditions
  • Advertise With Us
  • Contact us
  • Grievance Redressal Policy
  • Privacy Policy
  • Site Map
  • होम
  • टॉप न्यूज
  • टॉप वीडियो
  • मध्यप्रदेश
    • भोपाल
    • इंदौर
    • उज्जैन
    • ग्वालियर
    • चंबल
    • जबलपुर
    • रीवा
    • शहडोल
    • नर्मदापुरम
  • छत्तीसगढ़
    • रायपुर
    • बिलासपुर
    • दुर्ग
    • बस्तर
    • सरगुजा
    • कोरबा
    • अंबिकापुर
    • रायगढ़
    • जगदलपुर
    • भिलाई
  • उत्तर प्रदेश
    • लखनऊ
    • कानपुर
    • मेरठ
    • गौतम बुद्धनगर (नोएडा)
    • आगरा
    • मथुरा
    • अयोध्या
    • प्रयागराज
    • गोरखपुर
    • वाराणसी
    • मुरादाबाद
    • बरेली
  • भारत
    • राजस्थान
    • महाराष्ट्र
    • दिल्ली
    • बिहार
    • पंजाब-हरियाणा
    • जम्मू-कश्मीर
    • प.बंगाल
    • गुजरात
  • देश-विदेश
  • राशिफल-शुभ मुहूर्त
    • आज का राशिफल
    • ज्योतिष
    • पंचांग-शुभ मुहूर्त
  • वेब स्टोरी
  • शॉर्ट्स
  • यूटिलिटी
  • लाइफस्टाइल
  • MORE
    • एजुकेशन-करियर
    • करियर टिप्स
    • बजट 2025
    • जॉब्स अपडेट
    • रिजल्ट्स
    • बंसल न्यूज एक्सक्लूसिव
    • धर्म-अध्यात्म
    • बिज़नेस-फायनेंस
    • एक्सप्लेनर
    • टेक-ऑटो
    • ट्रैवल-टूर
    • चुनाव 2025
    • खेल
    • खाना-खजाना
    • विचार मंथन
    • फोटो गैलरी
    • महाकुंभ 2025

© 2025 JNews - Premium WordPress news & magazine theme by Jegtheme.