Same – Sex Marriage: कुछ दिन पहले ही भारत में समान-लिंग विवाह को वैध क्यों नहीं किया जाना चाहिए, इस पर केंद्र ने सर्वोच्च न्यायालय को रिपोर्ट सौंपी थी। वहीं अब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS ) के महासचिव दत्तात्रेय होसबोले ने मोदी सरकार से सहमति जताते हुए कहा कि “विवाह संस्कार पर आधारित होता है।
आरएसएस नेता होसबोले ने कहा कि जीवन के हिंदू दर्शन में विवाह एक ‘संस्कार’ है और इसे ‘आनंद का साधन’ नहीं कहा जाना चाहिए। आरएसएस के महासचिव ने आगे कहा कि वह समान लिंग विवाह पर केंद्र के रुख से सहमत हैं कि फिलहाल इसे वैध नहीं किया जाना चाहिए। देश में समलैंगिक विवाह को वैध बनाने से पहले दहेज प्रथा और महिला और पुरुष के बीच घरेलू हिंसा जैसी बुराइयों को खत्म करने के प्रयास किए जाने चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट में समलैंगिक विवाह की याचिका का जिक्र करते हुए होसबोले ने कहा, “एक साथ रहना अलग बात है, लेकिन जिसे शादी कहा जाता है वह हजारों सालों से हिंदू जीवन में एक ‘संस्कार’ है, जिसका अर्थ है कि दो व्यक्ति शादी करते हैं और न केवल अपने लिए बल्कि परिवार और परिवार के लिए एक साथ रहते हैं। सामाजिक अच्छा। विवाह न तो यौन आनंद के लिए है और न ही अनुबंध के लिए।”
बताते चलें कि इससे पहले, केंद्र सरकार ने समान लिंग विवाह की दलीलों पर सुप्रीम कोर्ट को एक हलफनामा जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि इसे फिलहाल वैध नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि भारतीय परिवार इकाई की अवधारणा में एक “जैविक पुरुष और महिला” शामिल है।