शाजापुर/आदित्य शर्मा की रिपार्ट। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण व जिला प्रशासन महिला एवं बाल विकास विभाग के संयुक्त तत्वाधान में अंतर्राष्ट्रीय महिला सप्ताह के अंतर्गत विधिक जागरूकता शिविर सम्मान समारोह का आयोजन जिला न्यायालय के ए.डी.आर.सेन्टर सभागार में आयोजित किया गया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जिला प्रधान जिला न्यायाधीश एवं अध्यक्ष ललित किशोर ने कहा कि महिलाओं में पुरूषों की अपेक्षा सहनशीलता अधिक होती है, महिलाएं किसी बच्चे के जन्म होने पर पहली गुरू होती है जो गुण एक माता अपने बच्चें को देती है वह जीवन भर उसके साथ रहते है। महिलाओं के लिए समाज में बराबरी का हक मिलना चाहिए, किन्तु समाज की भी यह जिम्मेदारी है की वे महिलाओं को आगे बढाने में सहयोग करें।
उन्हौने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा के लिए कई कानून बनाएं गए है, किन्तु उनका सद्उपयोग हो इसकी भी जागरूकता होना चाहिए। इस अवसर पर कलेक्टर दिनेश जैन ने कहा कि समाज में महिलाओं को 50 प्रतिशत का आरक्षण दिया गया है, किन्तु आरक्षण देने मात्र से महिलाओं का विकास संभव नहीं हुआ है। धरातल पर आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाएं प्रताड़ना का शिकार हो रही है। कई महिलाएं अपने साथ हो रहे अत्याचार के विरूद्ध आवाज नहीं उठा पाती है। कुछ ही मामले न्यायालय तक न्याय के लिए पहुंचते है।
कलेक्टर जैन ने कहा कि महिलाओं को उनके अधिकारों की जानकारी भी नहीं है। सर्वप्रथम महिलाओं को उनके अधिकार और उनके कर्तव्य के प्रति जागरूक करना होगा तथा महिलाओं की परिवार एवं समाज में राय को महत्व को देना होगा, तभी समाज का विकास संभव है।
इस अवसर पर प्रथम जिला अपर न्यायाधीश नीतूकान्ता वर्मा ने कहा कि महिलाओं के उत्थान के लिए और अधिक प्रयास करने होंगे तब ऐसा अवसर आयेगा जब महिला दिवस मनाने की आवश्यकता ही नहीं होगी। जिला अभिभाषक संघ अध्यक्ष कमल किशोर श्रीवास्तव ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
इस दौरान समस्त उपस्थित महिला न्यायाधीशगण, महिला अधिवक्तागण, महिला अधिकारी, महिला न्यायिक कर्मचारी व समस्त उपस्थित महिलाओं का सम्मान पुष्पगुच्छ, सम्मान मंजूषा स्मृति चिन्ह व कलम भेंट कर सम्मान किया गया।
कार्यक्रम में विशेष न्यायाधीश मोहम्मद अजहर व अन्य न्यायाधीशगण तथा महिला एवं बाल विकास से जिला कार्यक्रम अधिकारी नीलम चौहान, परियोजना अधिकारी नेहा चौहान, वन स्टॉप सेन्टर प्रभारी नेहा जायसवाल, सीडीपीओ पंकज दवे, अधिकारीगण व न्यायिक कर्मचारीगण उपस्थित थे।