Atom Bomb: परमाणु हथियार कितने खतरनाक होते है इसका अंदाजा दुनिया को जापान में गिरे परमाणु बम के बाद लग ही गया था। आज के दौर में जिस देश के पास ये घातक हथियार है उसे सबसे बड़ी सैन्य शक्ति माना जाता है। यही वजह है कि इस बेशकीमती हथियार की सुरक्षा को भी पक्की रखी जाती है, जिसे बेधा न जा सके।
सभी देश अपने परमाणु हथियारों के जखीरे को काफी सुरक्षित रखते है। वहीं दुनिया की बड़ी महाशक्तियों में से एक अमेरिका अपने ज्यादातर परमाणु हथियारों को पांच राज्यों में 80 फुट गहराई में पनडुब्बियों के भीतर रखा है। इसके अलावा एयर फोर्स के बेस में भी इन हथियारों के जखीरें को संभाल कर रखा जाता है, जिसे सैन्य सुरक्षा के साथ तकनीकी सुरक्षा भी दी जाती है यानी पासवर्ड से लैस। जिन्हें तोड़ना लगभग नामुमकिन है।
बता दें कि कड़ी सुरक्षा के बावजूद परमाणु हथियारों के गायब होंने की घटनाएं सामने आ चुकी है। दूसरे विश्व युद्ध के बाद शीत युद्ध के दौरान ऐसी घटनाएं हो चुकी है, जिसमें क्लियर वेपन्स से जुड़े हादसे लगातार बढ़ते गए। इन घटनाओं को बकायदा ब्रोकेन एरोज कहा जाता है। अब तक ब्रोकेन एरोज की कुल 32 घटनाएं हो चुकीं। इसमें किसी हथियार का एक्सिडेंटली लॉन्च हो जाने के साथ-साथ उसका खो जाना भी शामिल है। पचास के दशक से लेकर अमेरिका के अब तक 6 न्यूक्लियर वेपन गायब हुए, जिनमें से 3 का अब तक पता नहीं लग सका।
पहली बार साल 1958 में जॉर्जिया के टीबी आईलैंड में गिरा मार्क 15 थर्मोन्यूकिलयर बम का सुराग आज तक नहीं लग सका। इसकी खोज में कई सीक्रेट मिशन चले,लेकिन आखिर में उसे खोया हुआ मान लिया गया। इसके अलावा दिसंबर 1965 में जापान के समुद्री तट के पास भी थर्मोन्यूक्लियर बम गिर गया था जो अब तक नहीं मिला। इसी तरह 22 मई 1968 को ग्रीनलैंड के थुले एयरबेस पर गिरे B28FI थर्मोन्यूक्लियर बम का भी पता नहीं लग सका।अमेरिकी सरकार दूसरे विश्व युद्ध में जापान पर गिराए गए बम को लेकर घबराए हुए थे। इसी डर से लंबा-चौड़ा सर्च ऑपरेशन भी चलाया गया था, जिसके लिए भारी पैसे भी खर्च हुए थे, लेकिन बम का सुराग नहीं मिला।
बता दें कि कई बार ये हथियार या तो गलती से ड्रॉप हो जाते हैं या फिर इन्हें इमरजेंसी में गिरा दिया जाता है। कयास लगाए जाते है कि ये आज भी कहीं कीचड़, समुद्र या किसी खेत में दफन होंगे। वहीं इस बात का भी डर भी लगातार बना हुआ है कि ये कभी किसी तरह से फट न जाएं।