Gypsum Road NHAI: देश में बढ़ते सड़क हादसों का कारण खराब सड़कों की बनावट और निर्माण सामग्री होती है जो मिलावट होने पर हादसों का कारण बनती है इसे लेकर NHAI यानि नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने फैसला लिया है जिसमें अब सड़के फॉस्फर-जिप्सम के प्रयोग से भी बनेगी।
जानिए क्या है NHAI का प्लान
आपको बताते चलें कि, NHAI के मुताबिक, फर्टिलाइजर और केमिकल कंपनियों के साथ मिलकर सड़क बनाने में फॉस्फोर-जिप्सम इस्तेमाल करने का फैसला किया है. NHAI ने इस प्रोजेक्ट का फील्ड टेस्टिंग का ऐलान किया है। जिसके लिए कंपनी का मानना है कि, बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए इसे वेस्ट मैटेरियल के रूप में इस्तेमाल करने से कार्बन इमर्शन पर रोक लगेगी। यहां पर बताया जा रहा है कि, फॉस्फर-जिप्सम वेस्ट मैटेरियल के इस्तेमाल से बनी सड़क को चेक करने के बाद इसके फील्ड ट्रायल की मंजूरी दी गई थी, ताकि लोग इन सड़कों पर भरोसा करें और उन्हें कोई परेशानी न हो सके।
प्लास्टिक की बनी सड़के होती है टिकाऊ
आपको बताते चलें कि, प्लास्टिक की बनी सड़कों की बात की जाए तो, यहां सड़क हादसों को रोकने के नजरिए से प्लास्टिक कचरे का इस्तेमाल करके बनाई गई सड़कें टिकाऊ होती है और बिटुमिन का जीवनकाल बढ़ाती हैं. इतना ही नहीं, एक किलोमीटर के चार लेन के नेशनल हाईवे के निर्माण से लगभग सात टन प्लास्टिक कचरे को निपटाने में मदद भी मिलती है।
सड़कों में हो रहा है इसका भी प्रयोग
आपको बताते चलें कि, यहां पर NHAI ने हाईवे और फ्लाईओवर को बनाने के लिए थर्मल पावर प्लांट्स (टीपीपी) में ‘फ्लाई ऐश’ यानि कोयले की राख का इस्तेमाल किया है. 135 किलोमीटर लंबे, छह लेन के ‘ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे’ के निर्माण में 1.2 करोड़ क्यूबिक मीटर फ्लाई ऐश का इस्तेमाल किया गया है।