सतना। जिले में गुरुवार को मुख्यमंत्री कन्या विवाह-निकाह सम्मेलन आयोजित किया गया। इस मौके पर रामनगर जनपद में एक अनोखी शादी देखने को मिली। यहां 65 वर्षीय मोहनिया बाई ने रामचुआ निवासी 75 साल के बुजुर्ग भगवानदीन सिंह गोंड़ के साथ विवाह किया। इस अनोखी शादी के साक्षी म.प्र. शासन के राज्य मंत्री रामखेलावन पटेल भी बने।
नियमों के तहत जोड़े को गृहस्थी के सामान के साथ-साथ 11 हजार रुपए का चेक भी दिया गया। जनपद के आजाद मैदान में हुए इस गरिमामयी आयोजन में 135 जोड़े परिणय सूत्र में बंधे, मगर सबसे ज्यादा चर्चा इन दोनों बुजुर्गों के शादी की रही। हासिल जानकारी के मुताबिक दोनों बुजुर्ग बीते करीब 10 सालों से लिव-इन-रिलेशनशिप में रह रहे थे। दरअसल, मोहनिया ने जहां शादी नहीं की थी तो वहीं भगवानदीन की पत्नी 10 बरस पहले चल बसी थी। तब से दोनों साथ रह रहे थे।
गांववालों की समझाइश पर दोनों ने शादी रचाई। भगवानदीन एक पैर से जन्मजात दिव्यांग हैं। पहली पत्नी से उन्हें कोई संतान भी नहीं है। गौरतलब है कि सरकार प्रत्येक जोड़े को नकद राशि समेत गृहस्थी का सामान उपलब्ध कराती है। एक जोड़े पर 51 हजार रुपए खर्च किया जाता है। इस राशि में टेंट-शामियाना, ख्राना के लिए प्रशासन 6 हजार रुपए की कटौती कर लेता है और 34 हजार रुपए के सामान के साथ 11 हजार रुपए का चेक दिया जाता है। यह सामान बुजुर्ग जोड़े को भी दिया गया।
सामान में पायल, बिछिया, मंगलसूत्र, आलमारी, 12 कुर्सियां, सिलाई मशीन, पलंग, रेडियो, कुकर, टेबिल फैन, सिंदूरदान, चांदी का मांग टीका, रजाई गद्दा-तकिया, 1 दीवार घड़ी शामिल है। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राज्यमंत्री पटेल ने कहा कि परिणय सूत्र में बंधने वाले सभी नवदंपति विवाह के समय लिए गए वचनों को निभाते हुउ अपने वैवाहिक जीवन को सफल बनाएं।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश की बेटियों के हाथ पीले करने के लिए जो सौगातें दी हैं, वह ऐतिहासिक है और इसका अनुसरण अन्य प्रदेश भी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की यह सोच है कि बेटियों के हाथ पीले करने में माता-पिता को कर्ज न लेना पड़े, इसके लिए योजना में प्रत्येक बेटी के विवाह के लिए गृहस्थी का सामान, उपहार और आभूषण देने का प्रावधान किया गया है।