भोपाल। आस्था और अंधविश्वास की गलियों Pandokhar Sarkar Interview में भटकते हुए हम हर दिन एक नए अनुभव से गुजरते हैं। कुछ पर कभी विश्वास होता है तो कुछ पर विश्वास नहीं हो पाता, लेकिन एक ऐसा दिव्य दरबार भी है जिसको जिसने भी जाना वो उस दरबार का कायल हो गया। क्योंकि यहां दवा है, विश्वास है, चमत्कार है…
मध्यप्रदेश के दतिया जिले के भाण्डेर तहसील में स्थित पंडोखर नामक स्थान के पुरोहित गुरुशरण शर्मा पंडोखर सरकार के नाम से दुनियाभर में मशहूर है। संत समाज की विधि के प्रणेता गुरुशरण शर्मा त्रिकालदर्शी दरबार लगाते हैं। उनके दरबार में भूत, भविष्य और वर्तमान के बारे में बताया जाता हैं। मध्यप्रदेश—छत्तीसगढ़ के नंबर वन न्यूज चैनल के हेड़ शरद द्विवेदी ने पंडोखर सरकार से खास बातचीत की है।
पंडोखर सरकार ने क्या कहा, यह जानने से पहले आपको बता दें कि पंडोखर सरकार को दिव्य दरबार लगाते हुए करीब तीन दशको से अधिक का समय हो गया है। पंडोखर सरकार अपने पास एक सिद्धि होने का दावा करते है। उनकी सिद्धि को जानने के लिए कई सारे लोगों ने उनके आश्रम जाकर जानने की कोशिश भी कर चुके है, लेकिन पंडोखर सरकार ही सत्य साबित हुए। आपको बता दें कि पंडोखर सरकार के पास आए भक्त को महाराज पहले ही कागज पर उसका पूरा ब्योरा लिख देते है। वो कागज पर उसकी पीड़ा, बीमारी, उसकी परेशानी सब कुछ बता देते है। आइए जानते है क्या कहा पंडोखर सरकार ने
आपके पास कौन सी सिद्धि है?
पंडोखर सरकार — पंडोखर सरकार का धाम मध्यप्रदेश के दतिया जिले की भंडेर में स्थित हैं। जो पांडवों की तपोभूमि है। यहां पांडवों ने अज्ञातवास के दौरान पांच दिनों का समय बिताया था। पंडोखर सरकार ने सिद्धि पर बात करते हुए बताया की, एक पढ़ाई होती है प्राइमरी, एक होती है मीडिल और एक होता है डिप्लोमा,पीएचडी। अब पर्चा बनाने वाला व्यक्ति पर्चा बना कैसा रहा है। चाहे वो पंडोखर सरकार गुरूशरण जी हो, चाहे लहन सरकार हो, चाहे अवध सरकार हो, चाहे कुटी सरकार हों, बुंदेलखंड में करीब 100 लोगों से अधिक पर्चा बना रहे है। इतना ही नहीं पूरे भारतवर्ष में 400 लोगों से ज्यादा लोग पर्चा बना रहे है। महाराज ने बताया की आगरा में तो पूरा का पूरा मोहोल्ला पर्चा बना रहा है।
महाराज ने आगे कहा की अब पर्चा हैं कैसा? पर्चो में लिखा क्या है। पर्चे का वास्तिव कोई आधार है? पर्चे में कोई वजन है। महाराज ने आगे कहा की पर्चा तो कोई भी लिख सकता है। आप जो मौखाद बोलते है, ज्योतिष के माध्यम से या किसी भी दिमाग के माध्यम से, साइक्लोजी के माध्यम से तो आपने देखा होगा की जिसमें ज्यादा नाम हो रहा है, ज्यादा पहुंच हो रही है, जिसमें ज्यादा मीडिया हाईलाइट करेगा। तो उन्होंने भी एक पेन रख लिया एक पेज ले लिया जो मौखाद बोलना था वो लिख के दे दिया। पंडोखर सरकार ने सिद्धि को लेकर कहा की इसमें दो गति और अद्योगति होती है। यदि अद्योगति की शक्तियां आपको जाग्रति करना है तो पिचाश शक्ति को जाग्रति करना पड़ेगा।
हेड शरद द्विवेदी — आपके पास क्या देव गति वाली सिद्धि हैं?
पंडोखर सरकार — हमारे पास जो हैं पूज्य हनूमान जी पंडोखर सरकार की शक्ति की कृपा से आती है। उनकी ही कृपा से पंडोखर सरकार में दरबार चल रहा है। और ये देव गति की चीज है। जिसमें रामायण, पूजन, हवन, योग्य और अनुष्ठान के द्वारा निर्वाण किया जाता है। और जो अद्योगति वाली चीजें है, उनमें बलि विधान होते है। उसमें अघोरी संप्रदाय के संत उसमें दंडित हो जाते है, अपमाति हो जाते है।
हेड शरद द्विवेदी — भारत में स्थित 400 पर्चे वाले किस गति के है?
पंडोखर सरकार — जब तक किसी से सामने व्यक्तिगत ना देखा जाए, तब तक कोश्न मार्क लगाना उचित नहीं है। यादि यह कोई संसद हो उस संसद मेरा कभी सौभाग्य रहा कभी पहुंचने का तो मै जरूर जाउंगा। तो फिर लोग मेरे बारे में बोलेंगे हम उनके बारे में बोलेंगे कि इनके पास क्या विधा है, लेकिन अभी तो यही कह सकते है कि पर्चे बनाने की ताकत, पर्चे में हिम्मत, पर्चे की पावर, पर्चे का वास्त्विक क्या है, तत्व क्या है। पर्चा कोई भी लिख सकता है।
हेड शरद द्विवेदी — क्या देश में ऐसी संसद होनी चाहिए की ऐसे लोगों की प्रमाणिकता की पुष्टि करे।
पंडोखर सरकार — पंडोखर सरकार ने कहा की देश में ऐसा संगठन, आयोग होना चाहिए जैसे सरकार में भारतिय संस्कृति विभाग होता है। एक ऐसा स्थान यह भी जुडना चाहिए जो लोग अंधविश्वास में फंसे होते है, लुटते है, उनका शोषण होता है तो उनको जब एक डिग्री प्राप्त हो जाएगी, उनको एक प्रमाण पत्र प्राप्त हो जाएगा जो आदमी जिस संबंध में परेशान होगा तो वो वहीं जाएगा। वो जगह—जगह नहीं भटकेगा। हमने भी कई बार अपने सोशल मीडिया के माध्यम से कहा है, माननीय पीएम मोदी जी से भी अपील की है, अपने प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से अपील की है कि इस पर एक गठन हो, एक आयोग हो। अंधविश्वास को बढ़ावा नहीं मिलना चाहिए। अंधविश्वास कहीं का भी हो, सबका सर्वे होना चाहिए। सबसे पहले पंडोखर सरकार का सर्वे होना चाहिए।
हेड शरद द्विवेदी — क्या यह ईश्वर के काम में हस्तक्षेप है?
पंडोखर सरकार — पंडोखर सरकार ने बताया की ईश्वर के काम में यह कोई हस्तक्षेप नहीं है। क्योंकि आप वो बता सकते है जो परमात्मा जनाना चाहता है। परमात्मा ने स्पष्ट कहा है अपने पुराण और शस्त्रों में पढ़ा है कि जो परमात्मा जनाना चाहते है। वो तो हम बता सकतें है। जो वास्तिव प्रलय करना है, महा प्रलय करना है, किसी की आयु निश्वत है, अल्प को टाला जा सकता है, दुघर्टना को टाली जा सकती है, लेकिन पूर्ण आयु वाले को रोका नहीं जा सकता। उसके स्वंय विधाता भी, परमात्मा भी और ब्रह्म् भी इसके आधिनस्त हुआ है। चाहे बांके बिहारी जी हो, चाहे राघवेन्द्र सरकार हो, जो इस धरातल पर आया उसे जाना होगा। उनके बारे में कोई नहीं जानता था। माता सीता जी को जाना था। राम जी नर लीला कर रहे थे वो भी नहीं जानते थे। तो कुछ चीजे हैं जो जानी नहीं जा सकती है, लेकिन 99 प्रतिशत जाना जा सकता है 1 प्रतिशत नहीं।
हेड शरद द्विवेदी — आपके पास समाधान की भी सिद्धि है या ईश्वर की व्यवस्था है?
पंडोखर सरकार — जैसे प्रश्न आया तो प्रश्न के पीछे लगा उत्तर होता है। प्रश्न के साथ ही उत्तर छिपा होता है। मानसिक गति से समझना होता है कि इसका इलाज क्या होगा। सामने वाले को पेट में दर्द है, गैस की समस्या है। जो जैसा दर्द है वैसे उसका उपचार किया जाएगा। मंत्र के माध्यम से, यज्ञ के माध्यम से चिकित्सा विज्ञान के माध्यम से लाभ पहुंचाया जाता है।
हेड शरद द्विवेदी — कुछ लोग यह कहते है जो आपकी समाज से आते है कि स्वामी विवेकानंद जी, राम क्रष्ण परमहंस ऐसी विधा की ओर क्यों नहीं गए? स्वामी विवेकानंद जी की मृत्यू कैंसर से हुई थी, राम कृष्ण परमहंस जी को एक फोड़ा हो गया था तो उनकी मृत्यू हुई।
पंडोखर सरकार — पंडोखर सरकार ने कहा की दो विषय है, पहला विषय है कि आप एक अध्यात्म गुरू है। एक आप पौराणिक है, एक समाज सुधारक अहिंसा को खत्म करने वाले है। आप एक उसके सूत्र है। यह विधा अलग है। एक हैं दण्डस्वामी वो दण्ड लेकर चलते है। हम आपके चौकीदार है, नाकेदार है कि कोई संत आया तो उन्हें पूजों, पूजा पाठ करों उनसे ज्ञान सतसंग की बात पूछों। एक दूसरी विधा है ज्योतिषाचार्य वो पंचाग खोलेंगे। वो प्रवचन नहीं करेंगे। वो पंचाग देखेंगे और आप पर क्या राहू चढ़ा है, शनि चढ़ा है। वो ऐसे उपचार करते है। ऐसे ही हमारी विधा है हनुमान जी भी वो ही है। हम भी संत को लेकर चल रहे है। रामकथा, यज्ञ को लेकर चल रहे है।
पंडोखर सरकार ने आगे बताया की डॉक्टर उपचार तब ही कर सकता है जब वो जांच कर लेता है, वो एक्सरा कराता है, जांचे कराता है तब वो आपको आपकी समस्या बताएंगे। मै उपचार अपने इस्तबल से कर रहा हूं। और कर सकता हूं। और कभी भी कर सकता हूं। पंडोखर सरकार ने आगे कहा की कोरोना काल के समय लाखों लोगों को हवन चिकित्सा विज्ञान, मंत्र विधान से लोगों को पंडोखर धाम की भूमि से लाभ मिला है।
हेड शरद द्विवेदी — राम राज्य और हिंदू राष्ट्र में क्या भिन्न्ता हैं?
पंडोखर सरकार — पंडोखर सरकार ने बताया की हिंदूराष्ट्र विवदित है। क्योंकि इस भूमि पर ईसाई, सिख, मुस्लिम, बौध और हिंदुस्त समस्त प्रकार के आर्यावर्त के रहने वाली मानव जाति भिन्न—भिन्न संप्रदाओं के लोग समाहित है। आपस में भाई—भाई मारे जाएंगे। राम राज्य की स्थापना होगी, जब राम जी की कृपा सब में बहेगी तो हिंदू राष्ट्र बन जाएगा। इसलिए राम राज्य की स्थापना हो, भाई चारे का हो तो अपने आप ही हिंदू राष्ट्र बन जाएगा।
हेड शरद द्विवेदी — इन दिनों एक बात कही जा रही है कि निश्चलानंद जी से, शंकराचार्य जी से की आज बीजेपी का संत है, कांग्रेस का संत सपा का संत है। हर संत आज नेमप्लेट लेकर चल रहा है कि वो फला पार्टी का संत हैं
पंडोखर सरकार — पंडोखर सरकार ने इसका जबाव देते हुए कहा की ऐसा होना भी चाहिए, मैं इसका समर्थन भी करता हूं। जिसकी सरकार हो जिस राज्य में जिसकी भी सरकार हो जिसका वर्चस्व हो वहां एक गुरू होना चाहिए। जो समस्या प्रदेश की राक्षसों के साथ, राक्षस राजाओं के साथ शुक्राचारित है। मेरा कहना का मतलब है की गुरू की पूछ हो जाए तो फिर ना तो हिंदू राष्ट्र की आवश्यकता होगी। ना किसी राष्ट्र की स्थापना की जरूर होगी। राम राज्य की लहर आएगी।
हेड शरद द्विवेदी — माइंड रीडर ये दावा कर रहे है कि जो विधा आपके पास है, बागेश्वर सरकार के पास है वो सिर्फ एक माइंड रिडिंग है?
पंडोखर सरकार — बिल्कुल है। मांइड रीडर को मैने सोशल मीडिया और फोन के माध्यम से देखा है। वो अपनी विद्या की धनी है। मैं अपनी जगह पर हूं। अन्य संतगण अपनी जगह पर है। वो भी अपनी ही विद्या के धनी है। कोई न कोई पावर, कोई न कोई अस्तित्व कोई नींव है। बगैर नींव के कोई नहीं चलता है। कोई तत्व, कोई आधार होता है तभी वो आगे बढता है, लेकिन मैं सुहानी बहन ही को इतना ही कहूंगा, मैं पांच लाख रूपये दूंगा पंडोखर धाम की पीठ की ओर से मैं देखना चाहता हूं की सुहानी बहन जी बताती कैसे है। एक मेरे दो अक्षरों का नाम दूंगा मात्र, लेकिन वो बता दें मैं उनको पांच लाख दे दूंगा और उनको अपना गुरू बना लूंगा। लेकिन आमने सामने, टीवी पर नहीं पूछूंगा। पंडोखर सरकार ने आगे कहा की मध्यप्रदेश में जितने भी पर्चा बनाने वाले है मैं उन सबकी पोल खोल सकता हूं, लेकिन में देशभर के पर्चा बनाने वालों का साथ इसलिए दे रहा हूं क्योंकि सनातन की बात हैं। मैने उन लोगों से निवेदन भी किया है कि पर्चा बनाना बंद कर दों, या फिर दम हो तो पर्चा बनाओं। 80 प्रतिशत जितने भी पर्चा बना रहे है वो एक ट्रिक है मैं सुहानी का समर्थन करता हूं।
हेड शरद द्विवेदी — बागेश्वर सरकार के पास जो सिद्धि है वो आपके जैसी है या फिर भिन्न है?
पंडोखर सरकार — पंडोखर सरकार ने बताया की उनके पास सन्यासी बाबा है, हमारे पास हनुमान जी महाराज है। हनुमान जी उनके पास भी है, हनुमान जी हमारे गुरू जी के गुरू भी है। तो करण के भी गुरू परशुराम थे और गुरू द्रोण के शिष्य अर्जुन थे और गुरू द्रोण परम शिष्य थे। तो हनुमान जी की कृपा तो हो सकती है, लेकिन जो बीच का गुरू है वो भिन्न है। वो उनके पिता जी के पिताजी हैं उनकी मृत्यु हो चुकी है वो उनको सन्यासी बाबा कहते है। तो उसके पीछे कौन हैं, उसके पहले कौन हैं? इसलिए इस पर मैं कुछ नहीं कहूंगा। क्योंकि इस समय सनातन का काम कर रहा है भाई, और अच्छा काम कर रहा है भाई और तारीफ का पात्र हैं आगे बढ़े मेरा आशीर्वाद है।