मुंबई । महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री एवं शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने बुधवार को कहा कि शिवसेना के बागी विधायकों की अयोग्यता पर उच्चतम न्यायालय का फैसला पहले आना चाहिए और उसके बाद निर्वाचन आयोग को निर्णय लेना चाहिए कि मूल पार्टी किसकी है। ठाकरे से एक संवाददाता सम्मेलन में सवाल किया गया कि निर्वाचन आयोग ने शिवसेना के नाम और उसके ‘धनुष और तीर’ के चिह्न पर रोक क्यों लगा दी, जबकि प्रतिद्वंद्वी एकनाथ शिंदे गुट ने अभी तक इसका इस्तेमाल नहीं किया है।
उद्धव ने कहा, ‘‘अयोग्यता को लेकर फैसला पहले आना चाहिए और उसके बाद निर्वाचन आयोग को फैसला करना चाहिए (कि शिवसेना किस धड़े की पार्टी है।)’’ उन्होंने कहा कि शीर्ष अदालत बागी विधायकों की अयोग्यता संबंधी मामले पर 14 फरवरी से दैनिक आधार पर सुनवाई शुरू करेगी। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में कुछ विधायकों के बागी हो जाने के बाद शिवसेना पिछले साल दो गुटों में बंट गई थी। इसके बाद शिंदे के गुट और उद्धव के गुट ने पार्टी के नाम और उसके चिह्न पर अपना दावा पेश करने की कोशिश की थी।