कोलंबो। श्रीलंका के प्रधानमंत्री दिनेश गुणवर्धने ने कहा है कि भारत संकट के समय में द्वीप राष्ट्र का सबसे बड़ा मित्र है। श्रीलंका ने पिछले साल अपने दिवालिया होने की घोषणा की थी और वह 1948 में ब्रिटेन से आजादी मिलने के बाद पहली बार 51 अरब डॉलर का विदेशी ऋण देने में चूक गया। भारत ने आर्थिक संकट से उबरने में द्वीप राष्ट्र की सहायता करने में पिछले साल महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। प्रधानमंत्री गुणवर्धने ने ‘टाटा टिस्कॉन डीलर कन्वेंशन 2023’ को संबोधित करते हुए भारतीय कंपनियों से श्रीलंका में निवेश बढ़ाने की अपील की। ‘कोलंबो गजट’ पोर्टल के अनुसार, गुणवर्धने ने कहा कि भारत संकट के समय में श्रीलंका का सबसे बड़ा मित्र है।
प्रधानमंत्री गुणवर्धने ने श्रीलंका में भारतीय निवेश के लाभों को रेखांकित करते हुए इस बात पर जोर दिया कि ‘लंका अशोक लेलैंड’ द्वारा उपयोग किए जाने वाले 90 प्रतिशत घटक स्वदेशी थे। श्रीलंका में भारत के उच्चायुक्त गोपाल बागले ने इस दौरान कहा कि भारत सरकार और भारतीय कॉरपोरेट जगत ऐसे संबंध बनाने के लिए काम कर रहे हैं जो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ‘पड़ोस पहले’ नीति के तहत भारत के भीतर और बाहर, विशेष रूप से पड़ोसियों के लिए फायदेमंद हों। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के संबंधों के पीछे समुदाय आधारित कारोबारी व्यवस्थाएं और ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ का दर्शन है।
उच्चायुक्त ने कहा कि भारत और श्रीलंका दोनों देशों की सरकारें लोगों एवं कारोबारों के बीच आपसी संबंधों को बढ़ावा दे रही हैं। उन्होंने कहा कि इस सम्मेलन में कई भारतीय व्यापारिक संस्थाओं की उपस्थिति न केवल दोनों देशों के बीच संबंधों में, बल्कि श्रीलंका की क्षमता में विश्वास को दर्शाती है।