RBI Repo Rate Hike: इस वक्त की बड़ी खबर सामने आ रही है जहां पर रिजर्व बैंक ने एक बार फिर मंहगाई का झटका दिया है जिसके साथ 0.25 फीसदी रेपो रेट में इजाफा किया है। आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने सुबह 10 बजे से एमपीसी की बैठक के नतीजों के बारे में जानकारी दी है। बुधवार को द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में एक बार फिर नीतिगत दर रेपो में 0.25 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है। इससे मुख्य नीतिगत दर बढ़कर 6.50 प्रतिशत हो गई है।
आरबीआई गवर्नर ने किया एलान
आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति का ऐलान करते हुए कहा कि रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोत्तरी की जाती है। इसके साथ ही रेपो रेट 6.5 फीसदी हो गया है। आरबीआई गवर्नर ने कहा कि अगले वित्त वर्ष 2023-24 में जीडीपी की रफ्तार 6.4 फीसदी रहने की उम्मीद है।इसके साथ ही केंद्रीय बैंक ने चालू वित्त वर्ष 2022-23 के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर के अनुमान को 6.8 प्रतिशत से बढ़ाकर सात प्रतिशत कर दिया है। वहीं अगले वित्त वर्ष में जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर 6.4 प्रतिशत रहने का अनुमान रखा गया है। आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष में खुदरा मुद्रास्फीति 6.5 प्रतिशत और अगले वित्त वर्ष में 5.3 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है।
वित्त वर्ष 2023-2024 में रियल GDP ग्रोथ 6.4% की संभावना है: आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास, मुंबई pic.twitter.com/fWTl0laCOu
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 8, 2023
2023-24 की चौथी तिमाही में मुद्रास्फीति औसतन 5.6% रहने की उम्मीद है: आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास, मुंबई pic.twitter.com/ODDNvbqHGU
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 8, 2023
जानिए क्या दर होती है रेपो दर
आपको बताते चलें कि, रेपो दर वह ब्याज दर है, जिसपर वाणिज्यिक बैंक अपनी फौरी जरूरतों को पूरा करने के लिये केंद्रीय बैंक से कर्ज लेते हैं। इसमें वृद्धि का मतलब है कि बैंकों और वित्तीय संस्थानों से लिया जाने वाला कर्ज महंगा होगा और मौजूदा ऋण की मासिक किस्त (ईएमआई) बढ़ेगी। मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की सोमवार से शुरू हुई तीन दिन की बैठक में लिए गए निर्णय की जानकारी देते हुए आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने डिजिटल माध्यम से प्रसारित बयान में कहा, ‘‘मौजूदा आर्थिक स्थिति पर विचार करते हुए एमपीसी ने नीतिगत दर रेपो 0.25 प्रतिशत बढ़ाकर 6.50 प्रतिशत करने का निर्णय किया है।’’
छह बार में किया बढ़ोत्तरी का एलान
उन्होंने कहा कि मौद्रिक नीति समिति के छह सदस्यों में से चार ने रेपो दर बढ़ाने के पक्ष में मतदान किया। हालांकि, रेपो दर में वृद्धि की यह गति पिछली पांच बार की वृद्धि के मुकाबले कम है और बाजार इसकी उम्मीद कर रहा था। आरबीआई मुख्य रूप से मुद्रास्फीति को काबू में लाने के लिये इस साल मई से लेकर अबतक कुल छह बार में रेपो दर में 2.50 प्रतिशत की वृद्धि कर चुका है। इससे पहले, मई में रेपो दर 0.40 प्रतिशत तथा जून, अगस्त तथा सितंबर में 0.50-0.50 प्रतिशत तथा दिसंबर में 0.35 प्रतिशत बढ़ायी गयी थी।केंद्रीय बैंक नीतिगत दर पर निर्णय करते समय मुख्य रूप से खुदरा महंगाई पर गौर करता है।