Tata – Adani प्रमुख इस्पात कंपनी टाटा स्टील को चालू वित्त वर्ष की दिसंबर तिमाही में 2,501.95 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ। टाटा स्टील ने सोमवार को शेयर बाजार को भेजी सूचना में कहा कि खर्च बढ़ने के कारण उसके मुनाफे में यह गिरावट आई है। कंपनी ने पिछले वित्त वर्ष 2021-22 की तीसरी तिमाही में 9,598.16 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया था। इस दौरान उसकी कुल एकीकृत आय भी 60,842.72 करोड़ रुपये से घटकर 57,354.16 करोड़ रुपए रह गई। हालांकि, आलोच्य तिमाही में कंपनी का खर्च बढ़कर 57,172.02 करोड़ रुपए रहा। एक साल पहले की समान अवधि में उसका खर्च 48,666.02 करोड़ रुपए था।
अडाणी समूह
इधर, अडाणी समूह की ज्यादातर कंपनियों के शेयरों में गिरावट का सिलसिला सोमवार को भी जारी रहा। इस गिरावट के बीच समूह की सभी कंपनियों का सम्मिलित रूप से बाजार पूंजीकरण नौ कारोबारी दिनों में 9.5 लाख करोड़ रुपये कम हो चुका है। विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट आने के बाद से अडाणी समूह के शेयरों को लेकर बाजार की धारणा खराब हुई है जिससे इन शेयरों की कीमतों में भारी गिरावट दर्ज की गई है। सप्ताह के पहले दिन का कारोबार बंद होने पर अडाणी समूह की दस में से छह कंपनियों के शेयर नुकसान में रहे।
अडाणी ट्रांसमिशन का शेयर 10 प्रतिशत टूट गया जबकि अडाणी टोटल गैस, अडाणी पावर, अडाणी ग्रीन एनर्जी और अडाणी विल्मर के शेयरों में पांच-पांच प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। समूह की प्रमुख कंपनी अडाणी एंटरप्राइजेज का शेयर 0.74 प्रतिशत की हल्की गिरावट के साथ बंद हुआ। हालांकि शुरुआती कारोबार में इसका शेयर 9.50 प्रतिशत नीचे आ गया था लेकिन बाद में इसकी स्थिति सुधर गई। समूह की चार कंपनियों ने गिरावट के रुख के बीच भी बढ़त दर्ज की। इनमें अडाणी पोर्ट्स एंड एसईजेड लिमिटेड में 9.46 प्रतिशत की तेजी हासिल करने में सफल रही।
अंबुजा सीमेंट में 1.54 प्रतिशत, एसीसी में 2.24 प्रतिशत और एनडीटीवी में 1.37 प्रतिशत का सुधार देखा गया। स्टॉक्सबॉक्स के शोध प्रमुख मनीष चौधरी ने कहा कि पिछले नौ कारोबारी दिनों में समूह की सभी कंपनियों का सम्मिलित बाजार पूंजीकरण 9.5 लाख करोड़ रुपये यानी करीब 49 प्रतिशत तक गिर चुका है। उन्होंने कहा कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने और एफपीओ को वापस लेने से कारोबारी धारणा पर प्रतिकूल असर पड़ा है।
अमेरिका की ‘शॉर्ट सेलर’ फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट में अडाणी समूह पर धोखाधड़ी वाले लेनदेन और शेयर की कीमतों में हेरफेर का आरोप लगाया गया था। उसके बाद से समूह की कंपनियों के शेयरों में गिरावट का सिलसिला शुरू हो गया। हालांकि, अडाणी समूह ने इन आरोपों को झूठा बताते हुए कहा है कि वह सभी कानूनों और खुलासा अनिवार्यताओं को पूरा करता रहा है।