जबलपुर। मध्य प्रदेश के मंडला जिले के नारायणगंज के आदिवासी करीब 75 किलोमीटर दूर पैदल ही बच्चे-बूढ़े और महिलाएं अपनी मांगों को लेकर जबलपुर पहुंचे। यहां वे कमिश्नर कार्यालय के सामने धरने पर बैठ गए। आरोप लगे हैं कि शुक्रवार की रात यहां पहुंचकर धरने पर बैठक इन लोगों की किसी ने कोई खबर नहीं ली।
Jabalpur, MP| Above 700 tribal women & children from Mandla reached Jabalpur on Feb 3 on foot in 5 days to protest against displacement, unemployment & water problems. They sat on Dharna from 3 to 11 PM in front of our office: B Chandrashekar, Divisional Commissioner, Jabalpur pic.twitter.com/gdMtv66KZX
— ANI MP/CG/Rajasthan (@ANI_MP_CG_RJ) February 4, 2023
वहीं इस मामले में शनिवार को जबलपुर संभागीय आयुक्त बी चंद्रशेखर ने कहा कि विस्थापन, बेरोजगारी और पानी की समस्या के विरोध में मंडला से 700 से अधिक आदिवासी महिलाएं और बच्चे 5 दिनों में 3 फरवरी को पैदल जबलपुर पहुंचे। वे हमारे कार्यालय के सामने दोपहर 3 से 11 बजे तक धरने पर बैठे। मैं विभागीय कार्य के सिलसिले में मंडला में था। हमने उन्हें अपने यहां बैठकर खाने को कहा। रात में विधायक डॉ. अशोक मस्कुले के नेतृत्व में एक घंटे तक उनसे चर्चा की गई।
यहां बता दें कि यह आदिवासी अपने क्षेत्र में मूलभूत सुविधाओं के विकास की मांग लेकर यहां पहुंचे थे। आदिवासियों ने आरोप लगाया है कि उनके क्षेत्र में मूलभूत सुविधाओं की कमी है। विकास नहीं किया जा रहा है। पीने के पानी के साथ ही शिक्षा जैसी सुविधाओं के लिए भी उन्हें परेशान होना पड़ रहा है।