Assam: जहां कुछ दिन पहले ही असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने घोषणा की थी कि बाल विवाह के दोषियों को नहीं बख्शा जाएगा। उनके ऐलान के बाद से असम पुलिस ताबड़तोड़ कार्रवाई कर रही है। असम पुलिस अब तक 2000 से ज्यादा लोगों को बाल विवाह करने या कराने वालों के आरोप में गिरफ्तार कर चुकी है। गिरफ्तार आरोपियों में विवाह कराने वाले पंडित और मौलवी भी शामिल हैं।
POCSO एक्ट के तहत कार्रवाई
हिमंत बिस्वा सरमा ने ट्वीट कर बताया कि असम पुलिस ने राज्य में बाल विवाह के 4004 मामले दर्ज किए हैं। पुलिस की कार्रवाई 3 फरवरी से शुरू जाएगी और यह तीन से चार दिन तक जारी रहेगी। मैं सभी से सहयोग की अपील करता हूं। बता दें कि सरकार ने 14 साल से कम उम्र की लड़कियों से शादी करने वाले पुरुषों के खिलाफ POCSO एक्ट के तहत कार्रवाई वाले प्रस्ताव को भी मंजूरी दी है।
गौरतलब है कि असम कैबिनेट ने 23 जनवरी को यह फैसला किया था कि बाल विवाह के दोषियों को गिरफ्तार किया जाएगा और साथ ही व्यापक जागरूकता अभियान भी चलाया जाएगा। इस घोषणा के एक पखवाड़े से भी कम समय में पुलिस ने बाल विवाह के 4,004 मामले दर्ज किए हैं। पुलिस महानिदेशक जी.पी. सिंह ने कहा, ‘‘हमारे पास 8,000 नामजद अभियुक्तों की सूची है और अभी तक हमने केवल 2,044 लोगों को गिरफ्तार किया है। बाल विवाह के खिलाफ अभियान अगले तीन से चार दिनों तक जारी रहेगा।’’
अचानक बाल विवाह पर सख्ती क्यों?
हाल ही में नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे की रिपोर्ट सामने आई थी जिसमें कहा गया था कि मातृ और शिशु मृत्यु दर बहुत अधिक है। इसकी एक प्रमुख वजह बाल विवाह है। इसके बाद राज्य सरकार ने बाल विवाह करने वालों के खिलाफ कार्रवाई का आदेश दिया था और पुलिस को प्रथा के खिलाफ अभियान चलाने के लिए भी कहा गया था।