MP school Breaking News भोपाल। स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार में मध्य प्रदेश की स्कूल शिक्षा में बड़ा बदलाव किए जाने की घोषणा की है। मंत्री ने कहा है कि जो गलत पढ़ाया जा रहा है उसे दूर करेंगे। अब मध्य प्रदेश में रामायण, महाभारत, वेद, शास्त्र से कुछ अंश पाठ्यक्रम में शामिल किए जाएंगे। इसपर विचार किया जा रहा है। जल्द से जल्द यह बदलाव नजर आने लगेगा। मंत्री ने कहा कि इसके साथ ही इतिहास को भी सही किया जा रहा है।
यहां बता दें कि मध्य प्रदेश की स्कूल शिक्षा में लगातार कई बदलाव किए जा रहे हैं। इससे पहले मध्यप्रदेश शिक्षा विभाग में मुगल शासकों की गाथाओं को हटाए जाने की बात भी स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कही थी। कहा गया था कि मुगल साम्राज्य और मुगलों की गाथाओं को सिलेबस में शामिल नहीं किया जाएगा। सिलेबस से टीपू सुल्तान,सिराजुद्दौला,अकबर सहित तमाम मुगल शासकों की गाथाओं को स्कूली पाठ्यक्रम (MP school Breaking News) से हटाया जाएगा।
स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा था कि मुगल साम्राज्य की गाथाओं को जल्द ही सिलेबस से हटाया जाएगा। सरकार ने पाठ्यक्रम (MP school Breaking News) से मुगलों की गाथाओं को हटाने निर्णय लिया है। सीबीएसई बोर्ड की तरह एमपी बोर्ड में भी मुगलों की गाथाओं को सिलेबस को हटाया जाएगा। उनकी जगह भारत के गौरवशाली इतिहास और गौरवशाली परंपराओं को सिलेबस में शामिल किया जाएगा। ताकि छात्र छात्राएं (MP school Breaking News) गौरवशाली इतिहास रच परंपराओं के बारे में जान सकें।
इसके साथ ही एक बदलाव माध्यमिक शिक्षा मण्डल कक्षा 10वीं के छात्रों के लिए बड़े बदलाव की घोषणा की गई थी। बता दें कि माध्यमिक शिक्षा मंडल की दसवीं परीक्षा में 6 विषय होते हैं। जिसमें हिंदी-अंग्रेजी के अलावा संस्कृत, सामान्य विज्ञान, गणित और विज्ञान शामिल हैं। इसके अलावा नेशनल स्किल्स क्वालीफिकेशन फ्रेमवर्क के विषय भी इसमें शामिल हैं। हालांकि 10वीं में कुछ बदलाव हुए हैं। इस संबंध में माध्यमिक शिक्षा मंडल ने निर्देश जारी किए हैं। जिसमें अंग्रेजी विषय लेना दसवीं के छात्रों के लिए अनिवार्य होता है।
इस पर माध्यमिक शिक्षा मंडल का कहना है कि पहले बेस्ट ऑफ फाइव लागू कर छात्रों के साथ खिलवाड़ किया जाता है। इसके साथ ही अगर अंग्रेजी को वैकल्पिक विषय किया जाता है तो इससे छात्रों के भविष्य पर असर पड़ सकता है। जिस पर 10वीं परीक्षा में वर्तमान नवीन शैक्षणिक सत्र में बेस्ट ऑफ फाइव को समाप्त करने का प्रस्ताव माध्यमिक शिक्षा मंडल की समिति को भेजा गया। माध्यमिक शिक्षा मंडल के अनुसार बेस्ट ऑफ फाइव योजना की कई कमी गिनाई गई है।