Kadaknath औषधिय गुण और स्वाद से भरपूर मध्य प्रदेश के कड़कनाथ मुर्गे की सप्लाई देशभर में होती है। जीआई टैग मिलने के बाद अब मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले के कड़कनाथ मुर्गे को एक जिला एक उत्पाद में भी शामिल कर लिया गया है। वैसे तो मध्य प्रदेश में अलीराजपुर, झाबुआ और ग्वालियर में सबसे अधिक संख्या में कड़कनाथ मुर्गे पाए जाते हैं, लेकिन इनमें से झाबुआ जिले के मुर्गों को एक जिला एक उत्पाद के लिए चयनित किया गया है। वैसे तो कड़कनाथ पालन के लिए पहले से ही सरकारी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं और अब इसे एक जिला एक उत्पाद में शामिल किए जाने के बाद से झाबुआ में कड़कनाथ पालन के लिए और प्रोत्साहन मिल सकेगा। kadaknath chicken
एक जिला एक उत्पाद में झाबुआ के कड़कनाथ को शामिल किए जाने के पीछे इसके औषधिय गुणों को माना जा रहा है। दरअसल, कड़नाथ मुर्गे को स्वास्थ्य के लिहाज से काफी फायदेमंद माना जाता है। इसका पालन करते हुए कगड़ा मुनाफा भी कमाया जा सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार कड़नाथ के लिए देसी वियाग्रा के नाम से भी लोग जानते हैं। क्योंकि कड़कनाथ को कामोत्तेजक माना जाता है। इसके फायदे देखते हुए लोगों में अच्छी खासी डिमांड कड़कनाथ की होती है। मध्य प्रदेश के साथ ही देशभर में भी झाबुआ के कड़कनाथ की डिमांड होती है। jhabua kadaknath
इसके साथ ही झाबुआ देश का ऐसा पहला जिला है, jhabua जहां सरकार के सहियोग से कड़कनाथ kadaknath को ऑनलाइन बेचा जाता है। यहां बता दें कि इस साल देश के साथ ही मध्य प्रदेश में भी ठंड ने कहर ढाया है, जिसके चलते ठंड को दूर भगाने के लिए भी लोगों ने कड़कनाथ का सहारा लिया। ठंड के सीजन में झाबुआ जिले से कड़कनाथ की डिमांड काफी बढ़ गई थी। इसके लिए कई लोगों के वेटिंग में भी रखा गया था। How to start a Kadaknath breed Poultry Farm
कड़कनाथ मुर्गे की खासियत और फायदे
– यह पूरा काला होता है
– स्वास्थ्य कई साले फायदे
– बहुत महंगा बिकता है
– इसे देसी वियाग्रा भी कहा जाता है
– इसका मांस और खून भी काला होता है
– झाबुआ में कुछ स्थानों पर इसे कालीमासी भी कहा जाता है
– हाई बीपी की बीमारी में फायदेमंद
– कड़कनाथ में कोलेस्ट्रोल कम होता है
– 18 तरह के आवश्यक अमीनो एसिड पाए जाते हैं
– विटामिन बी-1, बी-2, बी-6, बी-12, सी और ई अधिक पाया जाता है
– औषधि के रुप में उपयोग होता है
– नर्वस डिसऑर्डर ठीक करने में उपयोग
– रक्त से कई बीमारियां ठीक हो जाती है
– प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है
– प्रोटीन भरपूर मात्रा में होता है
– सेक्स पावर बढ़ती है
– इसे झाबुआ का काला सोना कहा जाता है
– कीमत 1000 से 1500 रुपए प्रति किलो तक होती है
– अंडे की कीमत 35-40 रुपए में बिकते हैं
एक जिला एक उत्पाद: कड़कनाथ बना झाबुआ जिले की पहचान।#ODOP_MP #MadhyaPradesh#मेरा_मध्यप्रदेश pic.twitter.com/VBEuzw31BJ
— MP MyGov (@MP_MyGov) January 24, 2023