भोपाल। Bhopal Name Rambhadracharya Maharaj Statement मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल से खबर सामने आई है जहां पर श्रीराम कथा के पहले दिन जगदगुरु रामभद्राचार्य महाराज का बयान भोपाल के नाम को लेकर सामने आया है। कहां कि, जब तक भोपाल का नाम भोजपाल नहीं होता, तब तक अगली कथा करने नहीं आऊंगा।
जानें जगदगुरू रामभद्राचार्य का बयान
आपको बताते चलें कि, यहां पर जगदगुरु रामभद्राचार्य महाराज ने कहा, जब तक भोपाल का नाम भोजपाल नहीं होता, तब तक अगली कथा करने नहीं आऊंगा। भोजपाल नगरी के राजा भोज पालक थे। जब सरकार होशंगाबाद का नाम नर्मदापुरम कर चुकी है। इलाहाबाद का नाम प्रयागराज हो गया है, फैजाबाद का नाम बदलकर अयोध्या कर दिया गया है, तो भोपाल का नाम बदलकर भोजपाल क्यों नहीं किया जा सकता? मैं अपने अनुज मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से कहूंगा कि विधानसभा चुनाव के पहले इसका नाम बदल दें।
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31 जनवरी तक चलने वाली है कथा
आपको बताते चलें कि, जगतगुरू की भेल दशहरा मैदान में नौ दिवसीय श्रीराम कथा 31 जनवरी तक चलेगी। यहां पर बताते चलें कि, कथा की शुरुआत सीताराम संकीर्तन से हुई। श्रीराम कथा के दौरान जगदगुरु रामभद्राचार्य महाराज ने बताया कि वे अभी तक 1360 कथा कर चुके हैं। भोपाल में होने वाली कथा 1361वीं है।बता दें, जगदगुरु रामभद्राचार्य महाराज बागेश्वर धाम के पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के गुरु हैं।
MLC स्वामी प्रसाद मौर्य को दी खुली चुनौती
श्रीराम कथा के दौरान जगदगुरु रामभद्राचार्य महाराज ने इस कथा के माध्यम से बिहार के शिक्षामंत्री चंद्रशेखर और यूपी में समाजवादी पार्टी के MLC स्वामी प्रसाद मौर्य को खुली चुनौती दी। आप को बता दें कि बिहार के शिक्षामंत्री चंद्रशेखर के बाद अब यूपी में समाजवादी पार्टी के MLC स्वामी प्रसाद मौर्य ने भी रामचरित मानस को लेकर विवादित बयान दिया है। मौर्य ने रविवार को कहा- कई करोड़ लोग रामचरित मानस को नहीं पढ़ते। यह तुलसीदास ने अपनी खुशी के लिए लिखा है। सरकार को रामचरित मानस के आपत्तिजनक अंश हटाना चाहिए या इस पूरी पुस्तक को ही बैन कर देना चाहिए।