Truck Driver: भारत की सड़कों पर ट्रक चलाने वाले 50 फीसदी से अधिक ड्राइवर किसी ना किसी तरह की दृष्टि दोष की समस्या से जूझ रहे हैं। इसका पता तब चला, जब नोएडा के आईकेयर आई हॉस्पिटल ने साइटसेवर्स इंडिया एनजीओ की मदद से हाइवे पर ट्रक चला रहे 34 हजार ड्राइवर्स की आंखों का रैंडम परीक्षण किया।
रिपोर्ट में पाया गया कि 38 प्रतिशत ट्रक ड्राइवरों में नजदीकी तौर पर देखने में समस्या आई जबकि 8 प्रतिशत ट्रक ड्राइवरों को दूर की दृष्टी संबंधित समस्याओं से ग्रस्त पाया गया। इसके अलावा 4 प्रतिशत ऐसे ट्रक ड्राइवर थे जिनमें दूर और नजदीक दोनों तरह की देखने की समस्या पाई गई। ये आंकड़ा सितंबर 2018 से दिसंबर 2022 के बीच का है।
इस बात से वाकिफ नहीं थे कि उन्हें दृष्टि दोष है
नजदीक की वस्तुओं को ठीक से नहीं देख पाने से ग्रस्त ज्यादातर की उम्र 36 से 50 साल के बीच थी। जिन लोगों में दूर की चीजें ठीक से नहीं देख पाने की समस्या पाई गई, उनमें से ज्यादातर की आयु 18 से 35 वर्ष के बीच थी। ये ड्राइवर इस बात से वाकिफ नहीं थे कि उनमें कोई दृष्टि दोष है। यही वजह है कि उनमें से कोई चश्मा नहीं पहन रहा था।
डॉक्टर के मुताबिक, ट्रक ड्राइवर जिस क्षेत्र में काम करते हैं, उसे एक असंगठित क्षेत्र माना जाता है और यही वजह है कि ट्रक ड्राइवर अपने स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं पर ठीक से ध्यान नहीं दे पाते हैं। इनमें से ज्यादातर ड्राइवर ग्रामीण इलाकों से आते हैं, जहां आंखों के परीक्षण की किसी भी तरह की कोई व्यवस्था नहीं होती है। ऐसे में ना तो कभी किसी चश्मे के लिए उनका कोई परीक्षण किया जाता है और ना ही नेत्र से जुड़ी किसी अन्य तरह की समस्या के लिए।