Bihar Politics: बिहार के शिक्षा मंत्री डॉ चंद्रशेखर (Dr Chandrashekhar) द्वारा रामचरितमानस (Ramcharitmanas Controversy) को लेकर दिए बयान के बाद राजनीति गर्म है। जहां एक तरफ इस मुद्दों को लेकर पहले ही उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने क्लियर कर दिया है कि किसी धर्म के बारे में बोलना उचित नहीं है। वहीं दूसरी ओर जदयू के कई नेता शिक्षा मंत्री डॉ चंद्रशेखर (Dr Chandrashekhar) से माफी की मांग पर अड़े है। इन सब घटनाक्रम के बीच जब बिहार के मुख्यमंत्री से इस जुड़ा सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि किसी भी धर्म के बारे में बयान देना, उस पर टिप्पणी करना बिल्कुल गलत है।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर द्वारा रामचरितमानस को लेकर की गई विवादास्पद टिप्पणी को तवज्जो नहीं देने की कोशिश करते हुए मंगलवार को कहा कि सरकार किसी की धार्मिक आस्था में हस्तक्षेप नहीं करती है। उन्होंने कहा, ‘‘हमारा मानना है कि कोई किसी भी धर्म को मानने वाला हो, उसमें किसी भी प्रकार का हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। प्रत्येक व्यक्ति को अपनी आस्था का पालन करने का अधिकार है।’’
अरवल जिले में अपनी ‘‘सद्भावना यात्रा’’ के दौरान पत्रकारों से बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘जिस प्रकार लोग धर्म का पालन करते हैं उस प्रकार से धर्म का पालन करें। सबको इज्जत मिलनी चाहिए। इसमें किसी प्रकार का हस्तक्षेप नहीं किया जाना चाहिए। जिसको जैसे लगे उसी प्रकार से पूजा करे। हमने तो पहले ही समझा (चंद्रशेखर को) दिया है।’’
गौरतलब है कि शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने हाल में नालंदा विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में दावा किया था, ‘‘मनु स्मृति, रामचरितमानस और ‘बंच ऑफ थॉट्स’ (आरएसएस विचारक एम एस गोलवलकर द्वारा लिखित) ने समाज में नफरत को बढ़ावा दिया है। यही कारण है कि इन (कार्यों) को दलितों और ओबीसी से विरोध का सामना करना पड़ रहा है।