भोपाल। MP Bhopal School Reopen पिछले सप्ताह एमपी में शीतलहर के साथ—साथ ठंड से पूरा प्रदेश थर्राया था। bhopal collector जिसके चलते भोपाल कलेक्टर सहित प्रदेश के सभी जिलों में स्कूलों में अवकाश घोषित कर दिए गए थे। हालांकि अवकाश की तिथि जिलों में अलग—अलग थी। लेकिन इसके बाद अब फिर से भोपाल कलेक्टर ने आदेश जारी कर आज यानि 11 जनवरी स्कूलों के यथावत संचालन संबंधी आदेश जारी कर दिए थे। जिसके बाद स्कूल आज से शुरू हो गए हैं।
कक्षा 8 वीं तक की कक्षाएं थी बंद —
आपको बता दें बीते सप्ताह कहर ढाती ठंड के चलते भोपाल कलेक्टर अविनाश लवानिया ने 6 जनवरी से 10 जनवरी तक कक्षा पहली से 8 वीं तक के स्कूलों को बंद करने के निर्देश दिए थे। जिसके बाद से सभी प्राइवेट और सरकारी स्कूलों को बंद कर दिया गया था। हालांकि इससे पहले स्कूलों के खुलने के समय में भी परिवर्तन कर समय को बढ़ा दिया गया था। अब प्रदेश में शीतलहर का असर थोड़ा कम है जिसके चलते भोपाल कलेक्टर ने एक बार फिर 11 जनवरी से स्कूलों को यथावत खोलने के निर्देश जारी कर दिए हैं।
इतने समय पर खुलेंगे स्कूल —
जिन स्कूलों में कक्षाएं दो पाली में संचालित होती हैं वहां पहली पाली की कक्षाएं सुबह 9 बजे से और दूसरी पाली की कक्षाएं 9:30 मिनट से शुरू होंगी। एक की पाली में संचालित होने वाली कक्षाओं को सुबह 9:30 बजे से संचालित किया जाएगा। स्कूलों के लगने के समय में कोई परिर्वन नहीं किया गया है।
भोपाल में स्कूल पूर्ववत प्रात: 9 बजे से ही प्रारंभ होंगे@JansamparkMP pic.twitter.com/bX2sg648cG
— Collector Bhopal (@CollectorBhopal) January 10, 2023
प्रमुख शहरों का तापमान —
Bhopal Weather (भोपाल का तापमान): न्यूनतम 8 डिग्री अधिकतम 25 डिग्री सेल्सियस
Indore Weather (इंदौर का तापमान): न्यूनतम 10 डिग्री अधिकतम 26 डिग्री सेल्सियस
Gwalior Weather (ग्वालियर का तापमान): न्यूनतम 8 डिग्री अधिकतम 24 डिग्री सेल्सियस
Jabalpur Weather (जबलपुर का तापमान): न्यूनतम 4 डिग्री अधिकतम 25 डिग्री सेल्सियस
मौसम विभाग ने फ्रॉस्टबाइट को लेकर दी चेतावनी —
मौसम विभाग द्वारा लोगों को स्वास्थ्य के प्रति सतर्क करते हुए फ्रॉस्टबाइट को लेकर चेतावनी जारी की है। साथ ही श्वास, हृदृय आदि गंभीर रोगियों को इस दौरान सावधान रहने की चेतावनी दी है। बाहरी शरीर के अंग जैसे अंगुलिया, नाक, कर्णपालि की त्वचा, पीली आदि पड़ सकती है। ऐसे में लोगों को सतर्क रहने होगा। ताकि ठंड से बचा जा सके। फेफड़ों की कार्यक्षमता कम होने के साथ—साथ सांस की तकलीफ बढ़ने की भी संभावना है।