कहते है जानवर भी इंसानों की बात समझते है, उनमें भी एक अपनी अगल भावना होती है। अब गाय की नेत्रहीन बछिया सुरीली को ही देख लिजिए… जो भगवान श्रीकृष्ण और राधारानी के भवन पर नाचने लगती है। ही जां रायपुर के गोकुल नगर गोठान परिसर में जब श्रीकृष्ण का भजन शुरू हुआ तो महज डेढ़ महने की बछिया जिसका नाम सुरीली है। वह अपने कदम थिरकाने लगी, बछिया बकायदा अपनी गर्दन उठाकर नाचने लगी जिसे देखकर लोग अचरज में पड़ गए।
400 गोवंश में सुरीली की बात अलग
रायपुर के गोकुल नगर में स्थित गोठान में करीब 400 गोवंश है जिसमें करीब 25 बछड़े हैं, लेकिन सुरीली का अपना अलग ही अंदाज है। सुरीली जन्म से ही नेत्रहीन है, लेकिन इसके बाद भी वह समान्य बछड़ों की तरह रहती है। सुरीली के इस नृत्य अंदाज को देखने के लिए लोग आते है।
भजन चलते ही नाचती है सुरीली
गोठान परिसर में जैसे ही भगवान श्रीकृष्ण के भजन शुरू होते है, सुरीली के पैर थिरकने लगते है। वह अपनी गर्दन उठाकर नाचने लगती है। जब तक भजन चलता है, सुरीली के पैर नहीं रूकते। सुरीली के नाचते नाचते उसकी आंखों से आंसू भी आने लगते है।
अपनी की दुलारी है सुरीली
गोठान के संचालक का कहना है कि सुरीली अपनी मां की दुलारी है। उसकी मां यानि गाय उसका बेहद ध्यान रखती है। जब भी कोई उसके पास जाता है तो वह सचेत हो जाती है। जब उसे कोई खतरा महसूस होता है तो वह किसी को भी सुरीली के पास नहीं जाने देती है। इतना ही नहीं सुरीली को आंखों से नही दिखता है इसलिए लोग भी उसका काफी ध्यान रखते है।