Ghulam Nabi Azad : इन दिनों राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा पर है। राहुल की यात्रा अब जम्मू कश्मीर पहुंचने वाली है ऐसे में गुलाम नबी आजाद एक बार फिर सुर्खियों में आ गए है। राजनैतिक गलियारों में चर्चा है कि राहुल की भारत जोड़ो यात्रा के साथ गुलाम नबी आजाद एक बार फिर कांग्रेस में वापसी करेंगें। हालांकि आजाद इस बात को खारिज कर चुके है।
गुलाम नबी आजाद लंबे समय तक कांग्रेस के शीर्ष पदों पर रहे। लेकिन जब से उन्होंने कांग्रेस छोड़ी तब से वह घाटी की खाक छान रहे है। गुलाम नबी के कांग्रेस छोड़ने के बाद से अटकले थी की वह बीजेपी का दामन थामेंगे, लेकिन इस बात को भी वह अफवाह बता चुके है। अब ऐसे में चर्चा शुरू हो गई है कि आखिर गुलाम नबी कब तक आजाद रहेंगे?
गांधी परिवार के वफादार आजाद
गुलाम नबी आजाद गांधी परिवार के सबसे वफादारों में से एक थे। वह कांग्रेस के शीर्ष पदों पर आसीन रहे है। पार्टी ने उन्हें कई बार बड़े मुद्दों को सुलझाने की कमान सौंपी, और वह इसमें सफल भी रहें। साल 2014 में करारी हार के बावजूद गुलाम नबी को पार्टी ने राज्यसभा भेजा और नेता प्रतिपक्ष बनवाया। लेकिन साल 2020 में राज्यसभा से हटे तो कांग्रेस ने उन्हों कुछ खास तवज्जो नहीं दी। आजाद ने पार्टी को लेकर कई बार राहुल गांधी और पार्टी को सुझाव दिए, लेकिन उनकी बात को नहीं सुना गया, बल्कि उन्हें कश्मीर भेज दिया गया। इसके बाद उनके सब्र का बांध टूटा और उन्होंने पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया।
कब तक रहेंगे आजाद?
कश्मीर में चुनाव के ऐलान तक- गुलाम नबी आजाद चुनाव की घोषणा के बाद समझौता कर सकते हैं। चर्चा है कि आजाद बीजेपी से गठबंधन करेंगे। बीजेपी जम्मू की सीटों पर तो आजाद घाटी की सीटों पर चुनाव लड़ सकते हैं। कश्मीर में चुनावी रिजल्ट तक- चुनाव में अगर बेहतरीन परफॉर्मेंस नहीं आता है तो आजाद फिर नई राह पकड़ सकते हैं। इसकी बड़ी वजह उनकी उम्र भी है। आजाद कैप्टन की तरह बीजेपी में शामिल हो सकते हैं या अर्जुन सिंह की तरह कांग्रेस में वापसी कर सकते हैं। एक चर्चा यह भी है कि आजाद को बीजेपी राष्ट्रपति कोटे से राज्यसभा भेज सकती है।