वियना। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भारत की जी20 की अध्यक्षता को एक ‘‘बहुत बड़ी उपलब्धि’’ करार देते हुए कहा कि देश ने ऐसे समय में शक्तिशाली समूह की बैठकों की मेजबानी संभाली है, जब वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला पर गहरा दबाव है और दुनिया में राजनीतिक ध्रुवीकरण बढ़ रहा है। भारत ने एक दिसंबर को जी20 की अध्यक्षता औपचारिक रूप से संभाल ली है। अगला जी20 शिखर सम्मेलन नौ और 10 सितंबर को नयी दिल्ली में आयोजित होने वाला है।
ऑस्ट्रिया की राजधानी में रविवार को प्रवासी भारतीयों को संबोधित करते हुए जयशंकर ने कहा कि भारत अपनी अध्यक्षता के दौरान अंतरराष्ट्रीय समुदाय के हित को महत्व देगा। उन्होंने कहा, ‘‘ मुझसे कभी-कभी पूछा जाता है कि यह बड़ी बात कैसे है? यह बहुत बड़ी बात है क्योंकि हमारे पास इतने शक्तिशाली राष्ट्र कभी नहीं थे जिनमें दुनिया की शीर्ष 20 अर्थव्यवस्थाएं शामिल हैं, उनके नेता भारत आते हैं।’’ जयशंकर ने कहा, ‘‘ मायने यह नहीं रखता कि कौन आ रहे हैं । बल्कि कब आ रहे हैं यह मायने रखता है क्योंकि यह कठिन समय है। दुनिया की आपूर्ति श्रृंखलाओं पर गहरा आर्थिक दबाव है। राजनीतिक ध्रुवीकरण बढ़ रहा है, यहां तक कि सभी प्रमुख देशों को एक मंच पर लाने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ती है। हमारे लिए ऐसे समय में यह जिम्मेदारी संभालना बेहद बड़ी बात है।’’ पिछले 27 साल में भारत के विदेश मंत्री की ऑस्ट्रिया की यह पहली यात्रा है। दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों के 75 वर्ष पूरे होने के मौके पर यह यात्रा हो रही है।
जयशंकर दो देशों की अपनी यात्रा के दूसरे चरण में साइप्रस से यहां पहुंचे हैं। उन्होंने कहा कि देश यह सुनिश्चित करेगा कि वह समाजों और देशों की आवाज बनकर उभरे। विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘ हम इस मौके का इस्तेमाल भारत और उन परिवर्तनों को प्रतिबिंबित करने के लिए करेंगे, जो मैं लोगों बताना चाहता हूं। जी20 की अध्यक्षता इस बार वैसी नहीं है जैसी आमतौर पर होती है। यह ऐसी नहीं है जिसे राजधानी या दो-तीन महानगरों में संपन्न किया जाएगा। हम इसे 55 से अधिक शहरों तक ले जाएंगे।’’ जयशंकर ने कहा, ‘‘ हम यह सुनिश्चित करेंगे कि हर क्षेत्र की विविधता, हर संस्कृति, हर स्थानीय व्यंजन और स्थानीय उत्पाद दुनिया के सामने आए।’’ जयशंकर ने कहा कि देश के कोने-कोने को देखने का अवसर पाने के लिए हजारों अधिकारी और नेता भारत आएंगे। उन्होंने भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘ इसलिए, सही मायने में, मैं कहूंगा कि आप इसे दुनिया में भारत के प्रचार की तरह देख सकते हैं।’’