Liqour Ban: कुछ दिन पहले बिहार के सारण जिले में जहरीली शराब की वजह से मौतों ने राज्य में हाहाकार सी मचा रखी है। नकली शराब पीने के कारण 72 लोगों ने अपनी जांन गवां दी। चूंकि बिहार में शराबबंदी कानून लागू है इस वजह से लोगों को आसानी से शराब नहीं मिल पाती। इस वजह से कुछ लोग अवैध तरीके से शराब बनाने की कोशिश करते है जो जहरीला बन जाता है। और ये जहरीली शराब कई लोगों की मौत का कारण बन जाती है। आईए जानते है कि शराबबंदी कानून किन राज्यों में लागू है।
बिहार की बात करें तो शराबबंदी कानून लाने वाला यह नया राज्य है। वहीं 1960 में जब महाराष्ट्र से अलग होकर गुजरात अलग राज्य बना तभी से इस राज्य में शराबबंदी कानून लागू है। भारत में सबसे पहले गुजरात में यह कानून लागू हुआ था। हालांकि बताते चलें कि पिछले 6 सालों में गुजारत में आधिकारिक डेटा के अनुसार, जहरीली शराब से 54 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। चूंकि राज्य में बिग इंडस्ट्री सेट-अप है इस वजह से शराब से न होने वाले राजस्व का यहां असर नहीं पड़ता है।
वहीं गुजरात के अलावा नॉर्थ-ईस्ट स्टेट मिजोरम, नागालैंड और मणिपुर में भी शराबबंदी कानून लागू है। हालांकि मणिपुर में 1991 से शराबबंदी लागू है लेकिन लगातार हो रही मौतों को देखते हुए सरकार ने अब इस कानून में ढील दे दी है। इसके पीछे राज्य को मिलने वाला भारी राजस्व भी एक बड़ा कारण है।
इन राज्यों ने हटा लिए कानून
बता दें कि जहां पिछले कई सालों से शराबबंदी है तो वहीं कुछ ऐसे भी राज्य है जहां राजस्व घाटे को देखते हुए सरकार को इस कानून को हटाना पड़ा। इस लिस्ट में हरियाणा और आंध्रप्रदेश शामिल है।
शराबबंदी का फैसला राज्यों में सफल क्यों नहीं होता
ज्यादातर राज्यों में इस कानून के सफल न होंने की वजह पर बात की जाए तो इनमें मुख्य रूप से दो कारण निकल कर सामने आते है। पहला तो ये कि जैसे ही राज्य में शराबबंदी होती है वैसे ही इसकी अवैध तस्करी शुरू हो जाती है। जिस वजह से जहरीली शराब से मौत के मामले सामने आते रहते है। वहीं दूसरी सबसे बड़ी वजह सरकार के राजस्व में भारी नुकसान होना है। केवल शराब के कारण यूपी जैसे राज्यों में हजारों करोड़ तक का राजस्व आ जाता है। जिसकी बदौलत राज्य के विकास के लिए काफी फंड आ जाता है।