रायपुर। कथित कोयला घोटाले में धन शोधन से जुड़े मामले में छत्तीसगढ़ की विशेष अदालत ने उपसचिव सौम्या चौरसिया की हिरासत की अवधि चार दिन के लिए बढ़ा दी है। चार दिन और अब प्रवर्तन निदेशालय हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ करेगी। अधिवक्ताओं ने शनिवार को यह जानकारी दी। इस मामले में चौरसिया के अधिवक्ता फैजल रिजवी ने जानकारी दी है कि अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अजय सिंह राजपूत की अदालत ने उनकी मुवक्किल की ईडी हिरासत की अवधि के लिए चार दिन तक बढ़ा दी है। उन्होंने बताया कि वे (चौरसिया) सीएम भूपेश बघेल के कार्यालय में पदस्थ है।
ईडी ने इस महीने की दो तारीख को चौरसिया को गिरफ्तार किया था तथा उसे अदालत में पेश किया गया था। अदालत ने उसे चार दिनों के लिए ईडी की हिरासत में भेज दिया गया था। मंगलवार को यह अवधि समाप्त होने पर ईडी ने चौरसिया को अदालत में पेश किया था । तब उसे आज तक के लिए ईडी हिरासत में भेजा गया था। रिजवी ने बताया कि आज हिरासत अवधि समाप्त होने पर ईडी ने चौरसिया को अदालत में पेश किया तथा छह दिनों की और हिरासत की मांग की जिसका उन्होंने (रिजवी ने) विरोध किया। बाद में अदालत में चौरसिया को चार दिनों के लिए ईडी की हिरासत में भेज दिया।
अधिवक्ता ने बताया कि चौरसिया को 14 दिसंबर को अदालत में पेश किया जाएगा। मौजूदा कांग्रेस की सरकार में प्रभावशाली अधिकारी माने जाने वाली चौरसिया को ईडी ने पूछताछ के बाद धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत दो दिसंबर को गिरफ्तार कर लिया था। आयकर विभाग की एक शिकायत का संज्ञान लेने के बाद ईडी ने धनशोधन जांच शुरू की थी। ईडी ने अपनी जांच के तहत अक्टूबर में राज्य के कई शहरों में छापेमारी की थी। इसके बाद आईएएस अधिकारी समीर विश्नोई, कोयला व्यापारी सूर्यकांत तिवारी, उनके चाचा लक्ष्मीकांत तिवारी और एक अन्य कोयला व्यवसायी सुनील अग्रवाल को गिरफ्तार कर लिया गया था।
प्रवर्तन निदेशालय ने राज्य में कथित कोयला लेवी घोटाले से जुड़े धनशोधन मामले में शुक्रवार को रायपुर की विशेष अदालत में एक अभियोजन परिवाद पेश किया। इस मामले में भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के एक अधिकारी तथा तीन अन्य लोगों को आरोपी बनाया गया है। ईडी ने परिवाद में उल्लेख किया है कि वरिष्ठ अधिकारियों, व्यापारियों, राजनेताओं और बिचौलियों से जुड़े एक कार्टेल के द्वारा राज्य में कोयला परिवहन के लिए 25 रुपये प्रति टन की अवैध उगाही की जा रही थी।