इंदौर। मध्यप्रदेश के इंदौर के शासकीय महात्मा गांधी स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय में रैगिंग के मामले में एमबीबीएस पाठ्यक्रम के 11 वरिष्ठ विद्यार्थियों को बृहस्पतिवार को तीन महीने के लिए संस्थान से निलंबित कर दिया गया। महाविद्यालय के एक शीर्ष अधिकारी ने यह जानकारी दी। इस संबंध में महाविद्यालय के डीन डॉ. संजय दीक्षित ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, कि रैगिंग के मामले की पुलिस जांच के बाद चिह्नित किए गए 11 वरिष्ठ विद्यार्थियों को महाविद्यालय से तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। इस अवधि के दौरान उन्हें संस्थान के छात्रावास में रहने की अनुमति भी नहीं होगी।’
पुलिस की जांच में आया सामने
उन्होंने बताया कि एमबीबीएस पाठ्यक्रम के ये 11 वरिष्ठ विद्यार्थी पुलिस की जांच के दौरान रैगिंग में शामिल पाए गए और इसके बाद महाविद्यालय की रैगिंग निरोधक समिति ने इन पर अनुशासनात्मक कार्रवाई का फैसला किया। गौरतलब है कि रैगिंग का मामला सामने आने के बाद डीन ने दावा किया था कि यह घटना महाविद्यालय और इसके छात्रावास के परिसरों के बाहर की है। संयोगितागंज पुलिस थाने के प्रभारी तहजीब काजी ने बताया कि एक पीड़ित छात्र द्वारा विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की हेल्पलाइन पर शिकायत करने के बाद हरकत में आए महाविद्यालय प्रबंधन ने अज्ञात वरिष्ठ विद्यार्थियों के खिलाफ 24 जुलाई की देर रात आपराधिक मामला दर्ज कराया था।
कुछ को नोटिस देकर छोड़ दिया
थाना प्रभारी ने बताया कि पुलिस ने विस्तृत जांच और कई लोगों के बयानों के आधार पर रैगिंग के आरोपियों के रूप में महाविद्यालय के 11 वरिष्ठ विद्यार्थियों की पहचान की है। उन्होंने बताया कि इनमें से नौ वरिष्ठ विद्यार्थियों को दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) के प्रावधानों के तहत यह नोटिस देकर छोड़ दिया है कि वे पुलिस की जांच में सहयोग करेंगे और आरोप पत्र पेश किए जाने के वक्त अदालत में मौजूद रहेंगे। थाना प्रभारी ने बताया कि रैगिंग के दो अन्य आरोपियों की तलाश की जा रही है। उन्होंने बताया कि पुलिस जांच में सुराग मिले हैं कि रैगिंग के दौरान वरिष्ठ विद्यार्थियों द्वारा कनिष्ठ छात्रों को अश्लील कार्य करने के लिए कहा जाता था।