भोपाल। Bhopal Gas Tragedy पूरी दुनियां में इतिहास बन चुका भोपाल गैस कांड भले लोगों के लिए महज इतिहास ही लो। लेकिन इसका दर्द उनके अलावा कोई महसूस नहीं कर सकता जिसने वो तबाही का मंजर अपनी आंखों से देखा है। आज इस त्रासदी को 38 वर्ष हो गए हैं। लेकिन इसके बावजूद भी इसका दर्द झेल रहे लोगों को न्याय की दरकार है। इन्हें अभी भी अपना हक नहीं मिला है। जिसे लेकर गैस पीड़ितों ने आज भोपाल गैस कांड की बरसी पर दिल्ली में प्रदर्शन का फैसला किया है।
आज दिल्ली में निकालेंगे रैली —
त्रासदी के 38 वर्ष पूरे होने के बाद भी पीड़ितों को मुआवजा न मिलने पर सभी विरोध स्वरूप दिल्ली में रैली निकालने का फैसला किया है। पीड़ितों की मांग है कि उन्हें अतिरिक्त मुआवजा दिया जाए। अपनी इस मांग को लेकर भोपाल गैस कांड पीड़ित 3 दिसंबर यानि आज दिल्ली में प्रदर्शन करेंगे। भोपाल में बरकतुल्लाह विश्वविद्यालय में श्रद्धांजलि सभा में आयोजित होंगी। जहां सीएम शिवराज चौहान दो मिनट का मौन रखकर सभी दिवंगतों को श्रद्धांजलि देंगे।
केंद्रीय मंत्री से करेंगे मुलाकात
दिल्ली में आज भोपाल गैस पीड़ित केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया से मुलाकात करेंगे। आपको बता दें पीड़ितों की मांग है कि हर गैस पीड़ित को 6—6 लाख रुपए का मुआवजा दिया जाए। उनका आरोप है कि भोपाल गैस कांड के 5 लाख 21 हजार पीड़ितों को सही मुआवजा नहीं मिला। यही वजह है कि वह गैस पीड़ितों को कुल 646 करोड़ रुपए मुआवजा देने की मांग कर रहे हैं।
भोपाल ग्रुप फॉर इंफॉर्मेशन एंड एक्शन की सदस्य रचना ढींगरा द्वारा मीडिया को दी गई जानकारी के अनुसार पांच संगठनों ने अब तक 40 हजार गैस पीड़ितों के हस्ताक्षर लिए हैं। आपको बता दें कि 10 जनवरी 2023 को सुप्रीम कोर्ट में इस मुद्दे पर सुनवाई भी होनी है। गैस पीड़ितों को अतिरिक्त मुआवजा देने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी।
भोपाल गैस त्रासदी की स्मृतियां आज भी हृदय को झकझोर देती हैं। इस त्रासदी ने कई हमारे अपनों को असमय छीन लिया, उन समस्त दिवंगत आत्माओं को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। pic.twitter.com/GCTl7gbrlO
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) December 3, 2022
संक्षेप में जानें मामला —
आपको बता दें कि 2 और 3 दिसंबर 1984 की रात भोपाल में यूनियन कार्बाइड कारखाने से जहरीली मिथाइल आइसोनेट गैस रिसने से 3000 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी। इतना ही नहीं इस हादसे में लाखों लोग प्रभावित हुए थे। इसका असर आज भी दिखाई देता है। जहरीली गैस के रिसाव के कारण बड़ी संख्या में लोग बीमारियों का शिकार हो गए थे, जो बीमारियों के इलाज के लिए पर्याप्त मुआवजे की लंबे समय से मांग कर रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट में चल रहा मामला —
भोपाल गैस पीड़ितों की मुआवजे की मांग का मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है। आपको बता दें दरअसल यूनियन कार्बाइड कार्पोरेशन ने गैस पीड़ितों को 470 मिलियन डॉलर का मुआवजा दिया था। साल 2010 में तत्कालीन केंद्र सरकार ने मुआवजा राशि बढ़ाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में सुधारात्मक याचिका दाखिल की थी। जिस पर बीते दिनों सुनवाई करते हुए कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस भी जारी कर पूछा था कि क्या सरकार यूनियन कार्बाइड कार्पोरेशन की उत्तराधिकारी कंपनियों से मुआवजे की अतिरिक्त धनराशि की मांग करने वाली अपनी उपचारात्मक याचिका पर आगे बढ़ना चाहती है?