Shraddha Murder Case: दिल्ली हाई कोर्ट ने उस याचिका को खारिज कर दिया है जिसमें कहा गया था कि श्रद्धा वालकर हत्याकांड की जांच का जिम्मा दिल्ली पुलिस से लेकर केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को ट्रांसफर कर दी जाए। कोर्ट ने याचिका को ‘‘तुच्छ’’ और ‘‘प्रचार हासिल करने का प्रयास’’ करार देते हुए खारिज कर दिया है।
इसके साथ ही कोर्ट ने याचिकाकर्ता पर 10,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है। हाई कोर्ट ने कहा कि वह इस तथ्य का न्यायिक संज्ञान ले सकता है कि इस मामले ने मीडिया का अत्यधिक ध्यान आकृष्ट किया है तथा तत्काल याचिका कुछ और नहीं, बल्कि एक वकील द्वारा ‘मीडिया का ध्यान आकृष्ट करने’ की कोशिश थी।
मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि अधिवक्ता ने यह कहते हुए ऐसे आरोप लगाए हैं कि दिल्ली पुलिस द्वारा मौजूदा मामले में फोरेंसिक साक्ष्य संरक्षित नहीं नहीं किये गये हैं और महरौली पुलिस स्टेशन द्वारा बरामद की गयी वस्तुओं तक आम जनता और मीडियाकर्मियों की पहुंच है। पीठ ने कहा, ‘इस तरह की याचिकाएं केवल पुलिस के मनोबल को प्रभावित करती हैं और इसे प्रोत्साहित नहीं किया जाना चाहिए।
बता दें कि सोमवार 21 नवंबर को अधिवक्ता जोशिनी तुली ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिक लगाई थी। जिसमें उन्होंने कहा था कि दिल्ली पुलिस कानून की अनदेखी कर मामले की जांच से जुड़ी हर एक जानकारी मीडिया और जनता के सामने पेश कर रही है। याचिका में कहा गया था कि यह वारदात करीब छह माह पहले मई 2022 में हुई, ऐसे में इस घटना की जांच प्रशासनिक / कर्मचारियों की कमी के साथ-साथ साक्ष्यों और गवाहों का पता लगाने के लिए पर्याप्त तकनीक और वैज्ञानिक उपकरणों की कमी के कारण पुलिस द्वारा कुशलतापूर्वक नहीं की जा सकती।