ISRO Launch PSLV-C54: इस वक्त की बड़ी खबर सामने आ रही है जहां पर तमिलनाडु के इसरो ने श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र में PSLV-C54 रॉकेट लॉन्च किया है। जिसे ओशनसैट-3 के नाम से भी जाना जाता है। साथ ही आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से 8 नैनो उपग्रहों को लॉन्च किया गया।
जानिए क्या है सैटेलाइट की खासियत
आपको बताते चलें कि, इस सैटेलाइट की खासियत की बात की जाए तो मिशन का प्राथमिक पेलोड ओशनसैट सीरीज के थर्ड जेनरेशन सैटेलाइट Oceansat-3 है. Oceansat सीरीज के सैटेलाइट अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट हैं, जो कि समुद्र विज्ञान और वायुमंडलीय अध्ययन के लिए समर्पित हैं. इसके अलावा यह सैटेलाइट समुद्री मौसम का पूर्वानुमान करने में सक्षम है, जिससे देश किसी भी चक्रवात के लिए पहले से तैयार रहे। इसके पहले की बात की जाए तो, इसी सीरीज के पहले उपग्रह Oceansat -1 को 26 मई 1999 को लॉन्च किया गया था. फिर Oceansat 2 को 23 सितंबर 2009 को लॉन्च किया गया था. वहीं 2016 में Oceansat 2 के स्कैनिंग स्केटरोमीटर खराब होने के बाद ScatSat -1 लॉन्च किया गया. इसी सीरीज के थर्ड जनरेशन सैटेलाइट Oceansat 3 को प्रक्षेपित किया गया है।
जानें कितने घंटे में पूरा हुआ मिशन
आपको बताते चलें कि, ईओएस-06 (ओशनसैट-3) के अलावा 8 नैनो उपग्रहों में पिक्सेल से आनंद, इसरो भूटानसैट, ध्रुव अंतरिक्ष से दो थायबोल्ट और स्पेसफ्लाइट यूएसए से चार एस्ट्रोकास्ट प्रक्षेपित किए जाएंगे। ये पूरा मिशन लगभग 8,200 सेकंड (2 घंटे 20 मिनट) तक चलने वाला है. जो कि पीएसएलवी का लंबा मिशन होगा, इस दौरान प्राथमिक उपग्रहों और नैनो उपग्रहों को दो अलग-अलग सोलर सनक्रोनस पोलर ऑर्बिट्स (SSPO) में लॉन्च किया गया है।
तमिलनाडु: इसरो ने श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र में PSLV-C54 रॉकेट लॉन्च किया। pic.twitter.com/S8uKEjJ3dd
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 26, 2022