Army Canteen: आर्मी का नाम सुनते ही हमारे शरीर में एक अलग ही स्फूर्ती पैदा होने लगती है। आर्मी के जवान दुश्मनों से हमारे देश की रक्षा के लिए अपना घर, परिवार , दोस्त यार सब छोड़ देते है। सेना के जवान चाहे कड़क धूप हो, चाहे कड़कडाती ठंड़ हो या फिर भारी बारिश, तीनों मौसमों में हमारी सेना के जवान मुस्तेदी के साथ हमारी रक्षा के लिए अपनी ड्यूटी करते है। तो वही भारत सरकार भी सेना के जवानों और उनके परिवार का पूरा ख्याल रखती है। भारत सरकार द्वारा जवानों को कई प्रकार की सुविधा दी जाती है। जिनमें से कैंटिन सुविधा सबसे खास होती है। आर्मी कैंटिन में घर की जरूरत के हिसाब से हर सामान काफी सस्ते में उपलब्ध होता है। लेकिन यह सुविधा केवल आर्मी जवानों और उनके परिवार के लिए होती है। लेकिन क्या आपको पता है कि आर्मी कैंटिन में मिलने वाला सामान इतना सस्ता क्यों होता है। आइए जातने है।
आर्मी कैंटिन में बाजार के मुकाबले जवानों को सस्ते दामों पर सामान उपलब्ध होता है। आर्मी कैंटिन की सुविधा थल सेना, वायु सेना और नौसेना के जवानों और उनके परिवार वालों के साथ पूर्व सैनिकों को मिलता है। आर्मी कैंटिन में हर छोटे सामान से लेकन बड़ा समाना सस्ती दरों पर उपलब्ध होता है। आर्मी कैंटिन के करीब 33 डिपों है। और करीब 3700 यूनिट कैंटिन है। आर्मी कैंटिन को सीएसडी द्वारा सस्ते दामों पर सामान उपलब्ध कराया जाता है, जोकि भारत सरकार का उपक्रम है। इसके स्टोर सभी प्रमुख सैनिक अड्डों पर खुले हुए हैं और इन्हें सैन्य बल ही चलते हैं। द
स्मार्ट कार्ड से होती शॉपिंग
आर्मी कैंटीन से सामान खरीदने के लिए जवानों को स्मार्ट कार्ड जारी किए जाते है। इन स्मार्ट कार्ड का इस्तेमाल करके सेना के जवान तथा अधिकारी किसी भी सीएडी कैंटीन से सामान की खरीदारी कर सकते हैं। सेना के जवानों को दो प्रकार के स्मार्ट कार्ड मिलते हैं। पहला होता है ग्रोसरी कार्ड और दूसरा लिकर कार्ड। ग्रोसरी कार्ड से ग्रोसरी का सामान, इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम्स आदि खरीद सकते हैं। जबकि, लिकर कार्ड का इस्तेमाल करके शराब की खरीदारी की जाती है।
इतना सस्ता मिलता है सामान
आर्मी कैंटिन से हर साल करीब 2 अरब डॉलर से अधिक का सामाना बेंचा जाता है। सीएसडी कैंटीन में सरकार जीएसटी कर में 50 प्रतिशत की छूट देती है। जीएसटी की अधिकतम दरें 5, 12, 18 और 28 प्रतिशत हैं। इसका मतलब यह हुआ कि अगर किसी समान पर बाजार में 5 प्रतिशत जीएसटी लगती है तो कैंटीन के लिए वह 2.5 प्रतिशत होगी। यही वजह है कि यहां सामान सस्ता मिलता है। इसीलिए कई लोग सस्ता सामान खरीदने के लिए सेना के लोगों से संपर्क करते है। हालांकि ऐसा पहले होता था लेकिन अब सरकार ने एक जवान के प्रति माह सामान खरीदने की सीमा में कटौती की है। जहां पहले प्रति माह नहाने की 18 साबुन जवान कैंटीन से खरीद सकता था, अब एक महीने में सिर्फ 6 ही साबुन मिलेंगी। ऐसे ही सरकार ने कई तरह के बदलाव किए है।