मध्यप्रदेश में बीते दिनों बड़ी प्रशासनिक सर्जरी की गई थी। राज्य शासन द्वारा प्रदेश के 14 आइएएस के तबादले किए गए थे। जिसमें से मलय श्रीवास्तव को पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग का अपर मुख्य सचिव का जिम्मा सौंपा था। मलय श्रीवास्तव के पद संभालते ही अगले दिन उन्होंने ऐसा आदेश जारी कर दिया की उनके कार्य की चहू ओर सराहना हो रही है।
दरअसल, बीते 5 अक्टूबर को पंचायत एवं ग्रीमण विकास विभाग में सव इंजिनियर, असिस्टेंड़ इंजिनियर, मध्यप्रदेश विकास प्राधिकरण के सव इंजिनियर , सहायक प्रबंधक समेत कई कर्मचारियों के तबादले के आदेश जारी किए गए थे। उस समय ग्रामीण विकास विभाग के अपर सचिव उमाकांत उमराव थे। आदेश में रिलिव होने का 15 दिनों का समय दिया गया था। यानि 20 अक्टूबर तक सभी कर्मचारियों को रिलिव किया जाना था। लेकिन रिलिव होने की अंतिम दिनांक के बाद तक जिला प्रशासन द्वारा कई कमचारियों को रिलिव नहीं किया जा सका।
लेकिन जैसे ही पंचायत एवं ग्रीमण विकास विभाग का कार्यभार मलय श्रीवास्तव को सौंपा तो उन्होंने अगले ही दिन जिन कर्मचारियों को रिलिव नहीं किया गया था, उन सभी को एकतरफा रिलिव करने का आदेश जारी कर दिया। नए संभाग आयुक्त ने एक आदेश जारी कर सभी जिला कलेक्टरों को सूचना भी जारी कर दी गई थी। लेकिन जिला प्रशासन, शासन के आदेश को मानता है की नहीं यह देखना बाकी है। सूत्रों का कहना है कि शासन के आदेश के बाद भी प्रदेश के कई जिलों में राजनीति के चलते कई कर्मचारियों को रिलिव नहीं किया गया हैं। फिलहाल पंचायत एवं ग्रीमण विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव मलय श्रीवास्त द्वारा जारी रिलिविंग आदेश की जमकर तारीफ हो रही है।