भोपाल। Mp News : प्रदेश सरकार में वाणिज्यिक कर विभाग विक्रेताओं hindi news के साथ—साथ अब क्रेताओं को भी पुरस्कृत किया जाएगा। bansal news जी हां राजस्व संग्रहण में योगदान करने पर क्रेताओं को भी इनाम दिया जाएगा। customer news आपको बता दें वैसे तो ये योजना सरकार द्वारा पहले ही शुरू की जा चुकी है। पर इसमें अब बदलाव किया गया है। आपको बता दें मध्य प्रदेश बिल संग्रहण एवं पुरस्कार योजना के अंतर्गत पुरस्कार की चार श्रेणियां निर्धारित की गई है।
चार साल पहले शुरू की थी पुरस्कार योजना
वाणिज्यिक कर विभाग ने एक अक्टूबर 2018 को राजस्व संग्रहण में योगदान करने के लिए माल और सेवाओं की प्राप्ति के लिए क्रेताओं-उपभोक्ताओं को प्राप्त होने वाले बिल-बीजकों के संग्रहण एवं पुरुस्कार के लिए मध्य प्रदेश बिल संग्रहण एवं पुरुस्कार योजना जारी की थी।
पहले ऐसे मिलता था पुरस्कार —
प्रथम पुरुस्कार के लिए पांच क्रेताओं का चयन होता था। जिसमें प्रत्येक चयनित क्रेताओं को दस—दस हजार रुपये की राशि दी जाएगी। द्वितीय पुरुस्कार के लिए चयनित दस क्रेताओं को पांच—पांच हजार रुपये और तृतीय पुरुस्कार के लिए 15 क्रेताओं का चयन होता था। इन्हेंतीन—तीन हजार रुपये की राशि पुरुस्कार स्वरुप दी जाती थी। पहले तीन माह के संग्रहित बिलों पर यह पुरुस्कार देने का प्रावधान था, जिसमें अब बदलाव कर दिया है।
इस कंडीशन में मिलेगा पुरस्कार —
आपको बता दें प्रदेश में उन विक्रेताओं द्वारा खरीदी गई वस्तुओं के बिल भी मान्य किए जाएं जो जीएसटी के अंतर्गत पंजीकृत हैं। इन लोगों से माल या सेवा के साथ बिल लेने वाले क्रेता-उपभोक्ता को भी अब राज्य सरकार पुरुस्कृत करेगी। इसके लिए मध्य प्रदेश बिल संग्रहण एवं पुरस्कार योजना के अंतर्गत पुरस्कार की चार श्रेणियां निर्धारित की गई है। इसके लिए राज्य के वाणिज्यिक कर विभाग ने राजस्व संग्रहण में योगदान के उद्देश्य से योजना में क्रय-विक्रय के बिल संग्रहण पर पुरस्कार निर्धारित किए हैं। इसके लिए हर छह महीने में कुल 12 क्रेताओं, उपभोक्ताओं को चयनित किया जाएगा। इसके लिए कंप्यूटराईज्ड लाटरी सिस्टम से का उपयोग किया जाएगा।
ऐसी मिलेगी पुरस्कार राशि —
आपको बता दें पुरस्कार की राशि क्रेता -उपभोक्ताओं को सीधे एकाउंट में दी जाएगी। उनके द्वारा बताए गए बैंक खाते में इसे ट्रांसफर कर दिया जाएगा। आपको बता दें वर्ष 2018 में प्रारंभ हुई इस योजना में चार बार बदलाव किए जा चुके हैं।
इन बिलों पर मिलेगा पुरस्कार —
आपको बता दें इसके के लिए हर 6 महीने में जोड़े गए बिलों के लिए चार भागों में बांटा गया है। जिन्हें 15 दिन के अंदर वाणिज्यिक कर विभाग के पोर्टल पर अपलोड करना होगा।
ये बिल नहीं होंगे शामिल —
इस योजना में वैसे तो 6 महीने के बिलों को लिया जा रहा है। लेकिन इसमें कर मुक्त मालों एवं सेवाओं से संबंधित बिलों को शामिल नहीं किया गया है। यानि ऐसे बिल शामिल नहीं होंगे जिनपर टैक्स नहीं लगता है। इसके अलावा पैट्रोल, डीजल, एलपीजी, सीएनजी, पीएनजी एवं मदिरा के बिलों को भी इसमें शामिल नहीं किया जाएगा।