Petrol vs Diesel: अक्सर पेट्रोल-डीजल को हम देखकर सोचते है कि,यह दोनों ही वाहनों के लिए जरूरी होता है तो फिर दोनों का प्रयोग अलग-अलग वाहनों के लिए ही क्यों किया जाता है। यानि कि, बाइक पेट्रोल से चलती है तो कई कार डीजल से चलती है. ट्रक में डीजल ही डाला जाता है, वैसे ही हवाई जहाज के लिए अलग फ्यूल होता है। डीजल इंजन की गाड़ी में पेट्रोल डाल दिया जाए तो क्या वाहन नहीं चलेगा। समझते है सब इस खबर में।
जानिए पेट्रोल इंजन और डीजल इंजन गाड़ी में अंतर?
आपको जानकारी के लिए बताते चलें कि, पेट्रोल और डीजल गाड़ी में अंतर होता है कि, पेट्रोल इंजन में स्पार्क अलग होता है, जबकि डीजल इंजन में इस तरह का कोई स्पार्क नहीं होता है. इसके अलावा डीजल इंजन में कार्बोरेटर नही होता है, जबकि पेट्रोल इंजन कार में होता है. पेट्रोल इंजन एयर को लेकर भी अलग प्रकार से काम करते हैं. ऐसे में अगर गाड़ी के इंजन में डीजल और पेट्रोल मिक्स हो जाता है तो यह सोलवेंट की तरह काम करने लगता है। वही पर अगर हम डीजल इंजन कार में पेट्रोल डाल दे तो, इसमे इंजन के पार्ट्स के बीच में घर्षण बढ़ जाता है. जिससे फ्यूल लाइन के साथ-साथ पंप पर भी असर पड़ने लगता है। जहां पर ऐसा होता है कि, अगर आप इंजन चालू रखते हैं या फिर पेट्रोल मिक्स होने के बाद भी गाड़ी ड्राइव करते हैं तो इंजन डैमेज या इंजन सीज हो सकता है। यहां पर गंभीर स्थिति से बचने के लिए कोशिश करें कि इंजन को स्टार्ट न करें और बिना स्टार्ट किए ही गाड़ी को मैकेनिक के पास ले जाएं. इससे गाड़ी के इंजन के डैमेज होने का खतरा बहुत कम हो जायेगा।
बाइक में डाल दिया जाए डीजल तो
यहां पर पेट्रोल डालने की बजाय डीजल हम अगर पेट्रोल में डाल दे तो, बाइक में डीजल डालने पर आपकी बाइक स्टार्ट ही नहीं होगी, ऐसा करने पर आपको अपनी बाइक को फिर से इस्तेमाल करने के लिए पहले मैकेनिक को दिखाना पड़ेगा। इसके खराब होने का कारण हो सकता है कि, डीजल इंजन की दबाव क्षमता पेट्रोल इंजन के मुकाबले अधिक होती है. ऐसे में बाइक जैसे छोटे वाहन के लिए डीजल इंजन उपयुक्त नहीं है। डीजल इंजन में ज्यादा हवा भेजने के लिए टर्बोचार्जर या सुपरचार्जर की जरूरत होती है. यह काफी महंगा होता है।