नई दिल्ली। Chhath Puja 2022 सूर्य देव को समर्पित छठ पूजा का पर्व 28 अक्टूबर से शुरू हो चुका है। bansal news भगवान सूर्य को धन्यवाद देने religion और संतान के लिए मनाया खास माना जाता है। astrology इस व्रत में पुरूष और महिलाएं 36 घंटे का निर्जला व्रत करते हैं। यह प्राचीन हिंदू वैदिक त्योहार विशेष रूप से बिहार, पूर्वी उत्तर प्रदेश, झारखंड और नेपाल राज्यों के माघई लोगों, मैथिल और भोजपुरी लोगों द्वारा मनाया जाता है। छठ पूजा को सूर्य षष्ठी के रूप में भी जाना जाता है। जो कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से शुरू होकर कार्तिक शुक्ल सप्तमी पर समाप्त होता है।
4 दिनों तक चलने वाले इस अनुष्ठान में पहले दिन की शाम को सूर्य को अर्घ्य देने के साथ शुरू होता है। इसमें पवित्र स्नान, व्रत, पीने के पानी से परहेज करना, कुछ अनुष्ठान करने के लिए पानी में खड़े होना, डूबते हुए और उगते सूर्य को प्रार्थना, प्रसाद और अर्घ्य देना शामिल है।
इस दिन से होगी छठ पूजा की शुरुआत Chhath Puja 2022
कार्तिक माह के चतुर्थी तिथि को पहले दिन नहाय खाय, होगा। तथा इसक अगले दिन खरना, तीसरे दिन डूबते सूर्य और चौथे दिन उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। इसके बाद व्रत का पारण यानि समापन होता है।
28 अक्टूबर 2022 को नहाय खाय – Chhath Puja 2022
छठ पूजा के पहले दिन नहाय खाय की परंपरा निभाई जाएगी। इस दिन साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा जाएगा। इसके दूसरे दिन 29 अक्टूबर को खरना किया जाएगा।
29 अक्टूबर 2022 को खरना – Chhath Puja 2022
छठ महापर्व के दूसरे दिन यानि 29 अक्टूबर को खरना होगा। इसमें महिलाएं गुड़ की खीर को प्रसाद के रूप में बनाकर रात में ग्रहण करती हैं। इसी को प्रसाद रूप में बांटा जाता है। इसी के बाद से 36 घंटे के इस व्रत की शुरूआत होती है।
30 अक्टूबर 2022 को होगा छठ पूजा का पहला अर्घ्य Chhath Puja 2022
आपको बता दें छठ पूजा के तीसरे दिन जब सूर्यास्त होता है तब डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। व्रत रखने वाली महिलाएं और पुरूष व्रती महिला और पुरुष नदी, तालाब या कुंड में जाकर पानी में खड़े होकर अर्घ्य देती हैं।
ये रहेगा सूर्यास्त का समय:. Chhath Puja 2022
शाम 5ः37 मिनट
31 अक्टूबर 2022 को इतने बजे होगा सुबह का अर्घ्य Chhath Puja 2022
आपको बता दें चौथे दिन व्रती पानी में खड़े होकर उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता हैण् इसके बाद छठ पूजा का समापन होता हैण् फिर व्रत का पारण किया जाता है।
सूर्योदय समय. सुबह 6ः13 मिनट Chhath Puja 2022
36 घंटे के इस कठिन व्रत की समाप्ति व्रत के पारण के साथ होगी। व्रती महिलाएं और पुरुष पूरा अर्चना के बाद पूरे विधि-विधान के साथ अपना व्रत खोलेंगे।
छठ पूजा के दौरान क्या करें –
- छठ पूजा का पहला दिन नहाय खाय है, घर की साफ.सफाई कर स्नान करें और फिर भोजन तैयार करें।
- रसियाव में दूसरे दिन रोटी होती है। शाम को रसियाव में गुड़ से बनी खीर को फल और चपाती के साथ खाया जा सकता है।
- तीसरे दिन संध्या अर्घ्य है, बांस की टोकरी में फल, ठेकुआ, चावल के लड्डू आदि लेकर सूर्य देव को अर्घ्य दें।
- सूर्य देव को दूध और जल अर्पित करके प्रसाद से भरे स्नूप से छठी मैया की पूजा करें।
- रात्रि में व्रत कथा सुनें और धार्मिक गीत गाएं।
- चौथे दिन उषा अर्घ्य नदी तट पर उगते सूर्य को अर्घ्य देना है।
- पूजा के बाद शरबत पीकर और प्रसाद खाकर व्रत का समापन करें।
इन चीजों का रखें ध्यान –
- घर की सफाई और स्नान करने से पहले छठ पूजा की तैयारी न करें।
- छठ पूजा के दिनों में लहसुनए प्याज और मांसाहारी भोजन का प्रयोग न करें।
- प्रसाद में साधारण नमक का प्रयोग न करें।
- देवता को प्रसाद चढ़ाने से पहले उसका सेवन न करेंए बच्चों को भी नहीं देना चाहिए।
- बांस की पुरानी या फटी हुई टोकरी का प्रयोग न करें।
- किसी से नाराज न हों क्योंकि यह त्योहार परिवार और बच्चों की शांति, समृद्धि और भलाई के लिए आशीर्वाद प्राप्त करने की मान्यता के साथ विनम्रता और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है।