Birth Of An Ocean : समुद्र का नाम सुनकर हमारे दिमाग में विशालकाय नदी दिखाई देने लगती है। समुद्र को हम हिंदी में सागर, सिंधु जैसे कई नामों से जानते है। कहते है ब्रह्मांड में धरती धूल के कण के भी बराबर नहीं है। धरती के 70 प्रतिशत हिस्से में जल है तो वही 20 से 25 प्रतिशत हिस्से में मानव जीवन और बाकी के हिस्से में रेगिस्तान, पहाड़ियां और जंगल है। धरती पर इतना बड़ा समुद्र है कि इंसान अभी तक संपूर्ण समुद्र नहीं देख पाया है। समुद्र का पानी खारा होता है, जिसके चलते यह पानी पीने लायक नहीं होता। हालांकि कुछ समुद्रों का पानी मीठा भी होता है, लेकिन यह पानी भी पीने लायक नहीं होता।
कैसे हुई समुद्र की उत्पत्ति
लेकिन हमे यह जानना जरूरी है कि आखिर समुद्र की उत्पत्ति कैसे हुई? हालंाकि प्रत्येक सागर के जन्म की गाथा अलग-अलग है। पृथ्वी के नीचे की टेक्टोनिक प्लेट्सों के खिसकने से सागर बना है। वैज्ञानिकों का कहना है कि समुद्र की उत्पत्ती आज से करीब पचास करोड़ से 100 करोड़ साल पहले हुई थी। धरती के विशालकाय गड्डे कैसे भरे यह जानना तो वेहद मुश्किल है, लेकिन वैज्ञानिक का कहना है कि जब पृथ्वी का जन्म हुआ तो वह आग का एक गोला थी। जब पृथ्वी धीरे-धीरे ठंडी होने लगी वे उसके चारों तरफ गैस के बादल फैल गए। ठंडे होने पर ये बादल काफी भारी हो गए और उनसे लगातार मूसलाधार वर्षा होने लगी। लाखों साल तक ऐसा होता रहा। पानी से भरे धरती की सतह के ये विशाल गङ्ढे ही बाद में समुद्र कहलाए।
समुद्र कहां से शुरू कहां खत्म!
अब बात करते है, कि समुद्र कहां से शुरू होता है और कहां खत्म होता है। सबसे पहले तो समुद्र कहां से शुरू होता है यह जानना तो मुश्किल है, लेकिन हां समुद्र कई देशों के बीचों बीचों बसा हुआ है। अगर हम भारत की बात करे तो समुद्र किसी देश के शहर के छोर से शुरू होता है और भारत के उस शहर के छोर पर खत्म होता है जहां समुद्र लगा हुआ है। यह हम इसलिए मान सकते है। की जब भी जहाज से विदेश यात्रा की जाती है तो वह समुद्र के रास्ते से होकर ही जाता हैं। ऐसे में हम समझ सकते है कि समुद्र कहां से शुरू होता है और कहां खत्म!
आपकों बता दें कि प्रशांत महासागर के भीतर जल जंतुओं की एक रहस्यमयी दुनिया है जिस पर अभी भी खोज जारी है। शांत महासागर विश्व का सबसे गहरा सागर है। महासागर को छोड़कर यदि हम सागर की बात करें तो विश्व का सबसे विशाल सागर दक्षिण चीन सागर है। सभी सागरों की गहराई अलग-अलग मानी गई है। हालांकि महासागरों की गहराई का रहस्य अभी भी बरकरार है। समुद्र के अंदर कई प्रकार के अजीबो गरीब विशालकाय जीव-जंतु रहते हैं।