नई दिल्ली। दो बार की ओलंपिक पदक विजेता पीवी सिंधू को उम्मीद है कि टखने की चोट के कारण अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट से लंबे ब्रेक के बाद वह दिसंबर में सत्रांत विश्व टूर फाइनल्स के दौरान वापसी करने में सफल रहेंगी।अंतरराष्ट्रीय सर्किट में सबसे फिट खिलाड़ियों में शामिल सिंधू को अगस्त में बर्मिंघम में राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीतने के दौरान बाएं पैर में स्ट्रेस फ्रेक्चर हो गया था।‘ब्रेव टुगेदर कैंपेन’ की ब्रांड दूत सिंधू ने पीटीआई से कहा, ‘‘सकारात्मक पक्ष यह है कि ब्रेक लेने के लिए मुझे लगता है कि सिर्फ यही समय था क्योंकि अगला साल काफी व्यस्त होने वाला है और लगातार टूर्नामेंट होंगे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘नकारात्मक पक्ष यह है कि चोट के कारण मुझे ब्रेक लेना पड़ा। लेकिन यह महत्वपूर्ण है क्योंकि आपको अपने शरीर का ध्यान रखना होगा और सुनश्चित करना होगा कि आप पूरी तरह फिट और ठीक रहें। आपको खेल के स्तर से निपटने के लिए खुद को फिट बनाए रखना होगा।’’सिंधू ने कहा, ‘‘जल्दी उबरना महत्वपूर्ण होता है। मैं बेहतर हो रही हूं और उम्मीद करती हूं कि दिसंबर में खेलना शुरू कर दूंगी।’’सिंधू इस महीने डेनमार्क ओपन (18 से 23 अक्टूबर) और फ्रेंच ओपन (25 से 30 अक्टूबर) में हिस्सा नहीं हो पाएंगी जो बीडब्ल्यूएफ विश्व टूर सुपर 750 प्रतियोगिता है।विश्व टूर फाइनल्स का आयोजन 14 से 18 दिसंबर तक चीन के ग्वांग्झू में किया जाएगा।
यह पूछने पर कि क्या यह लक्ष्य है तो सिंधू ने कहा, ‘‘हां, बेशक। मैं डेनमार्क और पेरिस में नहीं खेल रही हूं। लेकिन उम्मीद करती हूं कि वहां खेल पाऊंगी।’’हैदराबाद की 27 साल की सिंधू ने कहा कि खिलाड़ियों के मानसिक स्वास्थ्य की अनदेखी की जाती है और इस बारे में बात करना महत्वपूर्ण है।इससे पहले पूर्व भारतीय क्रिकेट कप्तान विराट कोहली, चार बार की ग्रैंडस्लैम विजेता जापान की नाओमी ओसाका और दिग्गज जिम्नास्ट अमेरिका की सिमोन बाइल्स जैसे खिलाड़ी मानसिक स्वास्थ्य से जूझने का खुलासा कर चुके हैं।