National Tele-Mental Health : राष्ट्रीय टेली-मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम (एनटीएमएचपी) की सबसे पहले घोषणा केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2022-23 के केंद्रीय बजट में की थी।उन्होंने कहा था, ‘‘ महामारी की वजह से सभी आयुवर्ग के लोगों में मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्या बढ़ी है। गुणवत्तापूर्ण मानसिक स्वास्थ्य परामर्श और देखभाल सुविधा प्रदान करने के लिए ‘राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम’ की शुरुआत की जाएगी।’’
उन्होंने कहा कि कार्यक्रम में 23 उत्कृष्टता टेली-मानसिक स्वास्थ्य केंद्रों का एक नेटवर्क शामिल होगा, जिसमें राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य और स्नायु विज्ञान संस्थान नोडल केंद्र होगा और अंतरराष्ट्रीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान-बैंगलोर (IIITV) प्रौद्योगिकी सहायता प्रदान करेगा।
आधिकारिक सूत्रों ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि कार्यक्रम के तहत प्रत्येक राज्य और केंद्र शासित प्रदेश में कम से कम एक टेली-मानस (टेली मानसिक स्वास्थ्य सहायता एवं राष्ट्रीय कार्ययोजना) प्रकोष्ठ की स्थापना की जाएगी और पांच क्षेत्रीय समन्वयक केंद्र होंगे।
उन्होंने बताया कि पूरे देश के लिए टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर की शुरूआत की जाएगी, जिसमें कॉल करने वाला व्यक्ति अपनी भाषा में यह सेवा प्राप्त कर सकेगा।
लांसेट द्वारा पिछले साल अक्टूबर में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, वर्ष 2020 में कोविड- महामारी के चलते देश में अवसाद ग्रसित होने वाले लोगों की संख्या में वृद्धि हुई और अनुमानत: भारत में यह आंकड़ा करीब 35 प्रतिशत है।
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों के मुताबिक, वर्ष 2019 के मुकाबले वर्ष 2020 में आत्महत्या करने वालों की संख्या में 10 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।मध्यप्रदेश सुसाइड प्रिवेंशन टास्क फोर्स के प्रमुख सदस्य साइकेट्रिस्ट डॉ सत्यकांत त्रिवेदी ने बताया कि पोस्ट कोविड खराब मानसिक स्वास्थ्य के मामले काफी बढ़े हैं।आत्महत्या रोकथाम में ये हेल्पलाइन मददगार साबित होंगीं।