लखनऊ/अयोध्या। उत्तर प्रदेश के अयोध्या जिले में स्थापित प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का मंदिर अब विवादों की चपेट में आ गया है। समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष ने एक व्यक्ति के आरोप के हवाले से कहा है कि अयोध्या जिले में जमीन पर अवैध कब्जा करने की नीयत से योगी का मंदिर बनाया गया है और अब वह बताएं कि ऐसे भूमाफिया पर वे कार्रवाई करेंगे या दिल्ली से विशेष दस्ता आएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का अयोध्या में राम जन्मभूमि से करीब 25 किलोमीटर दूर भरतकुंड क्षेत्र में फैजाबाद-प्रयागराज राजमार्ग पर एक मंदिर बनाया गया है, जहां उनकी नियमित पूजा-अर्चना होती है। इस बीच मंदिर निर्माण कराने वाले व्यक्ति के चाचा ने आरोप लगाया है कि सरकारी जमीन पर कब्जा करने के इरादे से यह मंदिर बनाया गया है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने शुक्रवार की देर रात ट्वीट किया ‘अयोध्या में मुख्यमंत्री जी का जो मंदिर बनाया गया है, उसको बनाने वाले के चाचा ने ही यह शिकायत मुख्यमंत्री जी से की है कि वो ज़मीन पर अवैध कब्जा करने की बदनीयत से बनाया गया है।’ इसी ट्वीट में यादव ने सवाल किया, ‘अब मुख्यमंत्री जी बताएं कि ऐसे भू-माफिया भतीजे पर कार्रवाई वो करेंगे या दिल्ली से विशेष दस्ता आयेगा।’ भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता हरिश्चन्द्र श्रीवास्तव ने ‘पीटीआई-भाषा’ से बातचीत में कहा कि ”योगी जी की सरकार में जब भी इस तरह का कोई मामला आता है तो स्थानीय प्रशासन उसकी निष्पक्षता से जांच करता है।”
सपा प्रमुख पर पलटवार करते हुए श्रीवास्तव ने कहा कि ”अखिलेश यादव अपनी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं, पूर्व मुख्यमंत्री रहे और नेता प्रतिपक्ष हैं, उनके स्तर पर इस तरह की टिप्पणी बहुत सतही है।” मंदिर का निर्माण करने वाले स्थानीय निवासी प्रभाकर मौर्य ने बीते दिनों कहा था, ‘‘हमने योगी जी का मंदिर बनाया है, जो भगवान राम का मंदिर बना रहे हैं।’’ शनिवार को समाजवादी पार्टी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया ‘ये जमीन कब्जाने का योगी मॉडल है? कहीं भी, कैसी भी सरकारी या निजी जमीन को कब्जाने हेतु भाजपा से जुड़े लोग ऐसे कुकर्म कर रहे, योगी जी ! ये फ्रॉड आदमी जिसने आपका मंदिर बनवाया ये आपके उपमुख्यमंत्री पद के लिए उचित व्यक्ति प्रतीत होता है क्योंकि इसकी अहर्ताएं आपके मानक अनुसार हैं!’ सपा ने अपने ट्वीट के साथ एक अखबार की खबर साझा की है जिसमें एक व्यक्ति ने आरोप लगाया है उसका भतीजा ग्राम समाज की बंजर भूमि पर मंदिर बनवा दिया है और उसके हिस्से की भी जमीन पर कब्जा करने की नीयत से शनिदेव की मूर्ति लगवा दी है।
इसी खबर में भतीजे ने चाचा के आरोपों को खारिज किया है और दावा किया है कि उसने अपनी जमीन पर मंदिर निर्माण कराया है। गौरतलब है कि अयोध्या में योगी आदित्यनाथ का मंदिर बनाया गया है, जहां नियमित रूप से सुबह और शाम दोनों समय विशेष पूजा-अर्चना की जाती है और पूजा के बाद भक्तों के बीच प्रसाद बांटा जा रहा है। यह मंदिर राम जन्मभूमि से करीब 25 किलोमीटर दूर जिले के भरतकुंड क्षेत्र में फैजाबाद-प्रयागराज राजमार्ग पर बनाया गया है। माना जाता है कि भरतकुंड वह स्थान है जहां भगवान राम के भाई भरत ने उन्हें वनवास जाते समय विदाई दी थी। मंदिर का निर्माण करने वाले स्थानीय निवासी प्रभाकर मौर्य ने बीते दिनों कहा था, कि वह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यों से बहुत प्रभावित हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री ने जिस तरह से जनकल्याण के काम किए हैं, उन्हें देवता जैसा स्थान मिल गया है। इसलिए मुझे मुख्यमंत्री का मंदिर बनाने का विचार सूझा।’’
इस मंदिर में धनुष और बाण से सुसज्जित योगी आदित्यनाथ की आदमकद प्रतिमा स्थापित की गई है और इस प्रतिमा को भगवा रंग में रंगा गया है। प्रभाकर मौर्य ने कहा कि वह भगवान श्री राम की तरह प्रतिदिन योगी की प्रतिमा के सामने भजन पाठ करते रहते हैं। अयोध्या से मिली खबर के अनुसार मुख्यमंत्री योगी का मंदिर बनवाने वाले प्रभाकर मौर्य के चाचा रामनाथ मौर्य ने आरोप लगाया है कि उनके भतीजे ने योगी आदित्यनाथ के मंदिर का निर्माण केवल उस मंदिर से सटी सरकारी जमीन पर कब्जा करने के लिए किया है। मौर्य का पुरवा कल्याण भदरसा निवासी रामनाथ मौर्य ने 21 सितंबर को जनसुनवाई पोर्टल के माध्यम से मुख्यमंत्री को भेजी शिकायत में आरोप लगाया है कि जिस जमीन पर मंदिर बनाया गया है वह उनके दिवंगत बड़े भाई जगन्नाथ और उनकी साझा जमीन है।
रामनाथ मौर्य ने आरोप लगाया कि उनके और उनके बड़े भाई जगन्नाथ के बीच जमीन के बंटवारे के बाद भी उनके भतीजे प्रभाकर मौर्य ने उन्हें उनका हिस्सा नहीं दिया। मौर्य ने आरोप लगाया कि जिस जमीन पर योगी का मंदिर बना है, उस जमीन पर आम के तीन पेड़ थे, प्रभाकर ने उन पेड़ों की सारी लकड़ियों को काटकर कब्जा कर लिया। चाचा के आरोपों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रभाकर ने कहा कि उनके चाचा के आरोप झूठे हैं और दावा किया कि उन्होंने अपनी पुश्तैनी खेत की जमीन पर मंदिर बनाया है। अयोध्या जिले के सोहावल तहसील के तहसीलदार पवन कुमार, जिनके अधिकार क्षेत्र में मौर्य का गांव आता है, ने विवाद पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि मामला तहसील प्रशासन के संज्ञान में नहीं है और यदि कोई शिकायत मिलेगी तो जांच की जाएगी।