नई दिल्ली। नवरात्रि 26 सितंबर Navrari 2022 से शुरू हो रहे हैं। नवरात्रि में नौ दिनों shardiya navratri 2022 का बड़ा महत्व होता है। navratri or number 9 ka connection 2022 पर क्या जानते हैं नवरात्रि का नंबर 9 से क्या कनेक्शन है। इस दौरान मां दुर्गा के नौ दिन खास होते हैं। तो चलिए पंडित अनिल पांडे से जानते हैं कि आखिर नौ अंक को नवरात्रि के दौरान इतना खास क्यों माना गया है।
इसलिए खास हैं नबर 9 –
- नवरात्र शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है पहला नव और दूसरी रात्रि। अर्थात नवरात्रि पर्व 9 रात्रियों का पर्व है।
- 9 के अंक का अपने आप में बड़ा महत्व है। यह इकाई की सबसे बड़ी संख्या है। भारतीय ज्योतिष के अनुसार ग्रहों की संख्या भी नौ है।
- 9 का अंक एक ऐसी वस्तु का द्योतक है जिसे कभी नष्ट नहीं किया जा सकता। क्योंकि 9 के अंक को चाहे जिस अंक से गुणा किया जाए प्राप्त अंको का योग भी 9 ही होगा।
- हमारे शरीर में 9 द्वार हैं। 2 आंख, दो कान, एक नाक, एक मुख, एक मलद्वार, तथा एक मूत्र द्वार। नौ द्वारों को सिद्ध करने और पवित्र करने हेतु नवरात्रि का पर्व का विशेष महत्व है। नवरात्रि में किए गए पूजन अर्चन, तप, यज्ञ, हवन आदि से यह नवो द्वार शुद्ध होते हैं।
नवरात्रि में रात्रि का दिन से ज्यादा महत्व –
नवरात्रि में रात्रि का दिन से ज्यादा महत्व है। इसका विशेष कारण है। नवरात्रि में हम व्रत संयम नियम यज्ञ भजन पूजन योग साधना बीज मंत्रों का जाप कर सिद्धियों को प्राप्त करते हैं। राज्य में प्रचलित के बहुत सारे और रोज प्रकृति स्वयं ही समाप्त कर देती है। जैसे कि हम देखते हैं अगर हम जिनमें आवाज दें तो वह कम दूर तक जाएगी परंतु रात्रि में वही आवाज दूर तक जाती है दिल में सूर्य की किरणें आवाज की तरंगों को रेडियो तरंगों को आज को रोकती है अगर हम दिन में रेडियो से किसी स्टेशन के गाने को सुनें तो वह रात्रि में उसी रोडियो से उसी स्टेशन के गाने से कम अच्छा सुनाई देगा और संघ की आवाज भी घंटे और शंख की आवाज भी दिन में कम दूर तक जाती है जबकि रात में ज्यादा दूर तक जाती है। दिन में वातावरण में कोलाहल रहता है जबकि रात में शांति रहती है। नवरात्रि में सिद्धि हेतु रात का ज्यादा महत्व दिया गया है ।
नवरात्रि हमें यह भी संदेश देती है की सफल होने के लिए सरलता के साथ ताकत भी आवश्यक है जैसे माता के पास कमल के साथ चक्र एवं त्रिशूल आदि हथियार भी है समाज को जिस प्रकार कमलासन की आवश्यकता है उसी प्रकार सिंह अर्थात ताकत ,वृषभ अर्थात गोवंश , गधा अर्थात बोझा ढोने वाली ताकत , तथा पैदल अर्थात स्वयं की ताकत सभी कुछ आवश्यक है।