Bank Loan : होम लोन एक बड़ा लोन होता है जिसे चुकाना जरूरी होता है। क्यों अगर आप लोन नहीं चुकाते है तो यह आपकी इमेज पर काफी प्रभाव डालता है। समय पर लोन नहीं चुकाने पर यह आपके क्रेडिट स्कोर पर तो असर डालता ही साथ ही भविष्य में आपको लोन लेने में परेशानियां खड़ी करत देता है। हालांकि अगर आप शुरुआत की कुछ महीने की किस्ते नहीं चुका पाते हैं तो बैंक आपको चेतावनी देता है। लेकिन इसके बाद भी अगर आप किस्ते पूरी नहीं करते हैं तो बैंक आपको डिफॉल्टर की लिस्ट में डाल देता है।
क्रेडिट स्कोर पर असर
जब आप होम लोन रीपेमेंट करना भूल जाते हैं तो आपके क्रेडिट स्कोर पर असर पड़ता है। इसके अलावा आपके भविष्य में लोन लेने में भी परेशानियां पैदा करता हैं। बैंक आपको रिस्क के तौर पर देखने लगते है। जिसके चलते आपको आगे किसी भी तरह के लोन लेने में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। और अगर इसके बाद भी आपको लोन मिल जाए तो आपको टर्म्स और कंडीशन का सामना करना पड़ता है।
मिलता है लीगल नोटिस
लगातार 3 किस्त डिफॉल्ट होने के बाद बैंक और फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन इस तरह के लोन को नॉन परफॉर्मिंग एसेट की केटेगरी में रखते हैं। इसके बाद बैंकों द्वारा ड्यू रिकवर करना शुरू कर देते हैं। इसके बाद डिफॉल्टी को लीगल नोटिस भेजा जाता है और 60 दिनों के अंदर लायबिलिटीज को सेटल किया जाना जरूरी है। लोन लेते समय कर्जदार अपने एसेट गिरवी रखने होते हैं। ऐसे में अगर आप 60 दिनों के अंदर अपनी किस्ते पूरी नहीं करते हैं तो बैंक के पास बिना कोर्ट की दखल के भी आपके एसेट पर कब्ज़ा करने का हक होता है।
कोलैटरल की नीलामी
अगर आप 60 दिन बाद भी लोन नहीं चुका पाते हैं तो बैंक आपको एक और नोटिस भेजता है जिसमें आपकी संपत्ति की वैल्यू और उसकी नीलामी की तारीख बताई जाती है। वैसे तो बैंक आपको लोन चुकाने के लिए काफी समय देते हैं। वही संपत्ति की नीलामी करना एक लंबा प्रोसेस होता है, जिसे आमतौर पर बैंक इतनी जल्दी नहीं करते हैं। लीगल नोटिस और रिमाइंडर के बाद भी पेमेंट न करने पर ही ऐसा कदम उठाया जाता है।