गुना से पंकज श्रीवास्तव की रिपोर्ट। अनुसूचित जाति बहुल ग्रामों के समेकित विकास के लिए केन्द्र सरकार द्वारा ‘प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना’ संचालित की जा रही है। योजना में 500 या उससे अधिक आबादी वाले ऐसे गांवों का चयन किया गया है, जिनकी 50 प्रतिशत से अधिक आबादी अनुसूचित जाति की है। योजना में मध्यप्रदेश के 1074 ग्राम का चयन किया गया है। वर्ष 2021-22 में योजना के श्रेष्ठ क्रियान्वयन के लिए राष्ट्रीय स्तर पर 3 जिलों का चयन किया गया है, जिसमें प्रदेश का गुना जिला द्वितीय और सीहोर जिला तृतीय स्थान पर है। गुना मध्य प्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री महेन्द्र सिंह सिसोदिया का गृह जिला है। आदर्श ग्रामों में ग्रामवासियों को शासन की विभिन्न हितग्राही मूलक योजनाओं का अधिकाधिक लाभ पहुंचाया जाएगा। साथ ही विभिन्न शासकीय योजनाओं में सभी व्यक्तियों के आधार कार्ड बनाना, पात्र व्यक्तियों को निराश्रित, वृद्धावस्था तथा विकलांग पेंशन योजना का लाभ दिलाना, शत-प्रतिशत बच्चों का आंगनवाड़ी व शालाओं में प्रवेश कराना, पात्रतानुसार सभी विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति प्रदान कराना, प्रत्येक घर में शौचालय की व्यवस्था, पात्र परिवारों को उज्ज्वला गैस योजना का लाभ प्रदान करना और प्रत्येक घर में विद्युत कनेक्शन उपलब्ध कराया जाना आदि शामिल है।
अधो-संरचना विकास में होगा वृहद स्तर पर कार्य
प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना में चयनित ग्रामों की अधो-संरचना विकास के लिए वृहद स्तर पर कार्य किया जाएगा। इसमें ग्राम में शाला भवन, आंगनवाड़ी भवन, आंतरिक सड़क निर्माण, नाली निर्माण, पेयजल व्यवस्था, स्ट्रीट लाइट तथा ठोस एवं तरल अपशिष्ट पदार्थों के निराकरण की समुचित व्यवस्था आदि शामिल हैं। केन्द्र सरकार द्वारा प्रत्येक ग्राम में अधो-संरचना विकास के लिए गैप फिलिंग करने 20 लाख रुपए की सहायता राशि दी जाएगी। साथ ही राज्य की विभिन्न योजनाओं के साथ सामंजस्य कर ग्राम में अधो-संरचना विकास के कार्य किये जाएंगे।
मध्यप्रदेश प्रारंभ से ही आदर्श ग्राम निर्माण में अग्रणी
देश में योजना के क्रियान्वयन में मध्यप्रदेश प्रारंभ से ही शीर्ष स्थान पर बना हुआ है। वर्तमान में 1074 ग्राम के संदर्भ में 5 लाख 53 हजार 108 व्यक्ति को पात्रतानुसार लाभान्वित किया जा चुका है।