नई दिल्ली। 10 सितंबर से शुरू हुए Sarva Pitru Amavasya 2022 श्राद्ध का समापन 25 सितंबर को होगा। Pitru Paksha 2022 आपको बता दें श्राद्ध पक्ष की समाप्ति सर्व पितृ Mahalaya Amavasya 2022 अमावस्या के दिन होती है। ये दिन पितृ पक्ष का बेहद Religion खास दिन माना जाता है। वो इसलिए क्योंकि इस दिन उन पूर्वजों या पितरों का श्राद्ध किया जा सकता है जिनकी आपको तिथि नहीं पता होती है।
पंडित राम गोविंद शास्त्री के अनुसार इस वर्ष पितर पक्ष की सर्व पितृ अमवास्या 25 सितंबर को मनाई जाएगी। इसके बाद से ही नवरात्रि प्रारंभ हो जाएंगी। सर्व पितृ अमावस्या को महालया अमावस्या भी कहते हैं। ये तिथि किस दिन आ रही है इस दिन क्या-क्या करना चाहिए। साथ ही जानेंगे इसका क्या महत्व है।
इस दिन ग्रहों का योग पितरों के लिए है खास – Sarva Pitru Amavasya 2022
आपको बता दें 25 सितंबर यानि सर्व पितृ अमवास्या के दिन सूर्य और चंद्रमा एक ही राशि में होते हैं। ये दोनों ग्रह पितरों से संबंधित हैं। इस तिथि पर पितृ पुनः अपने लोक में चले जाते हैं साथ ही वे अपने वंशजों को सुख.समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं। इस दिन उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र होने से मित्र नाम का शुभ योग पूरे दिन रहेगा। तो वहीं शुभ और शुक्ल नाम के दो अन्य शुभ योग भी इस दिन बने रहेंगे। इन तीन शुभ योगों के चलते ये तिथि काफी खास हो गई है।
कब है सर्व पितृ अमावस्या तिथि या महालया अमावस्या – Sarva Pitru Amavasya 2022
पंचांग के अनुसार आश्विन मास की अमावस्या तिथि 25 सितंबर रविवार 03ः12 से शुरू होकर 26 सितंबर सोमवार 03ः24 तक रहेगी। यानि 25 सितंबर को पूरे दिन अमावस्या तिथि रहेगी।
तिथि के अनुरूप करें श्राद्ध Sarva Pitru Amavasya 2022
11 सितंबर.प्रतिपदा श्राद्ध
12 सितंबर.द्वितीया श्राद्ध
13 सितंबर.तृतीया श्राद्ध
14 सितंबर.चतुर्थी श्राद्ध
15 सितंबर.पंचमी श्राद्ध
16 सितंबर.षष्ठी श्राद्ध
17 सितंबर.सप्तमी श्राद्ध
18 सितंबर.अष्टमी श्राद्ध
19 सितंबर.नवमी श्राद्ध
20 सितंबर.दशमी श्राद्ध
21 सितंबर.एकादशी श्राद्ध
22 सितंबर.द्वादशी श्राद्ध
23 सितंबर.त्रयोदशी श्राद्ध
24 सितंबर.चतुर्दशी श्राद्ध
25 सितंबर.सर्व पितृ अमावस्या /श्राद्ध / महालया अमावस्या –
नोट — इस लेख में दी गई सूचनाएं सामान्य जानकारियों पर आधारित है। बंसल न्यूज इसकी पुष्टि नहीं करता। किसी भी जानकारी को अमल में लाने के पहले विषय विशेषज्ञ की सलाह ले लें।