भोपाल। पीएम मोदी ने कुनो नेशनल पार्क में चीतों को छोड़ने के बाद कहा कि दशकों पहले, जैव-विविधता की सदियों पुरानी जो कड़ी टूट गई थी, आज हमें उसे फिर से जोड़ने का मौका मिला है। आज भारत की धरती पर चीता लौट आए हैं। भारत ने विश्व के लिए LIFE का जीवन-मंत्र दिया है। कुनों नेशनल पार्क में चीतों को छोड़े जाने के बाद पीएम मोदी ने श्योपुर जिले के कराहल में महिला स्व-सहायता समूह सम्मेलन को संबोधित किया। इस दौरान केंद्रीय मंत्री एनएस तोमर ने कहा कि मध्यप्रदेश के श्योपुर जिले में स्व सहायता समूह की बहनों का उत्साहवर्धन करने के लिए विश्व के लोकप्रिय नेता नरेंद्र मोदी पधारे हैं। मध्य प्रदेश की जनता की ओर से माननीय प्रधानमंत्री जी का हृदय से अभिनंदन।
आज हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री का जन्मदिन है
वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि आज प्रधानमंत्री मध्यप्रदेश की धरती पर आये हैं। आज हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री का जन्मदिन है और अपने जन्मदिन पर चीते के रूप में ऐतिहासिक उपहार लेकर आये हैं। मैं संपूर्ण मध्यप्रदेश की ओर से उनका अभिनंदन करता हूं,शुभकामनाएं देता हूं। मध्यप्रदेश की धरती पर चीता का आना साधारण घटना नहीं है। “प्राणियों में सद्भावना हो” यह भारत का मंत्र है। उसको साकार प्रधानमंत्री श्रीमान नरेंद्र मोदी ने किया है। सीएम ने कहा कि पात्र लाभार्थियों को लाभ देने के लिए आज शिविर लगाए जा रहे हैं। रक्तदान शिविर और वृक्षारोपण के कार्यक्रम हो रहे हैं। दिव्यांग भाई-बहनों को उपकरणों का वितरण हो रहा है। सारा प्रदेश आज आनंद और प्रसन्नता से झूम रहा है। आज के दिन आम तौर पर मेरा प्रयास रहता है कि मैं मेरी मां के पास जाऊं, उनके चरण छूकर आशीर्वाद लूं। लेकिन आज मैं मां के पास नहीं जा सका, लेकिन मध्य प्रदेश के आदिवासी अंचल की,अन्य समाज की, गांव-गांव में मेहनत करने वाली लाखों माताएं आज मुझे यहां आशीर्वाद दे रही हैं।
इतना बड़ा सम्मेलन, अपने आप में बहुत विशेष
वहीं पीएम मोदी ने संबोधन देते हुए कहा कि विश्वकर्मा जयंती पर स्व-सहायता समूहों का इतना बड़ा सम्मेलन, अपने आप में बहुत विशेष है। मैं आप सभी को, सभी देशवासियों को विश्वकर्मा पूजा की भी शुभकामनाएं देता हूं। आज इस मंच से पूरे विश्व को संदेश देना चाहता हूं कि आज जब करीब-करीब 75 वर्ष बाद आठ चीते हमारे देश की धरती पर लौट आए हैं। अफ्रीका से हमारे मेहमान आए हैं, इन मेहमानों के सम्मान में हम सभी इनका स्वागत करें। पिछली शताब्दी के भारत और इस शताब्दी के ‘नए भारत’ में एक बहुत बड़ा अंतर हमारी नारी शक्ति के प्रतिनिधित्व के रूप में आया है। आज के नए भारत में पंचायत भवन से लेकर राष्ट्रपति भवन तक नारीशक्ति का परचम लहरा रहा है। आज मध्यप्रदेश में स्व-सहायता समूह द्वारा राज्य में 10 लाख पौधों का रोपण भी किया जा रहा है। पर्यावरण की रक्षा के लिए आप सभी का यह संगठित प्रयास, भारत के पर्यावरण के प्रति प्रेम, पौधे में भी परमात्मा देखने वाला मेरा देश आपके प्रयासों से भारत को एक नई ऊर्जा मिलने वाली है। जिस भी सेक्टर में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ा है, उस क्षेत्र में, उस कार्य में सफलता अपने आप तय हो जाती है। स्वच्छ भारत अभियान की सफलता इसका बेहतरीन उदाहरण है, जिसको महिलाओं ने नेतृत्व दिया है। पिछले 8 वर्षों में स्व-सहायता समूहों को सशक्त बनाने में हमने हर प्रकार से मदद की है। आज पूरे देश में 8 करोड़ से अधिक बहनें इस अभियान से जुड़ चुकी हैं। एक प्रकार से 8 करोड़ परिवार इस काम में जुड़े हुए हैं।
आप राष्ट्र की सहायता कर रहे हैं
गांव की अर्थव्यवस्था में, महिला उद्यमियों को आगे बढ़ाने के लिए, उनके लिए नई संभावनाएं बनाने के लिए हमारी सरकार निरंतर काम कर रही है। ‘वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रोडक्ट’ के माध्यम से हम हर जिले के लोकल उत्पादों को बड़े बाजारों तक पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं। 2014 के बाद से ही देश, महिलाओं की गरिमा बढ़ाने, महिलाओं के सामने आने वाली चुनौतियों के समाधान में जुटा हुआ है। देश में 11 करोड़ से ज्यादा शौचालय बनाकर, 9 करोड़ से ज्यादा उज्ज्वला के गैस कनेक्शन देकर और करोड़ों परिवारों में नल से जल देकर, आपका जीवन आसान बनाया है। कल आप स्व-सहायता समूह होंगे, लेकिन आज आप राष्ट्र सहायता समूह बन चुके हैं। राष्ट्र की सहायता कर रहे हैं। महिला स्व-सहायता समूह की यही ताकत आज विकिसत भारत, आत्मनिर्भर भारत बनाने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए प्रतिबद्ध है।
आज आपके पास योजनाओं की ताकत भी है
प्रधानमंत्री ने श्योपुर जिले के कराहल में भारतीय जनता युवा मोर्चा, मध्य प्रदेश के हरा भरा मध्यप्रदेश अभियान के अंतर्गत पीपल का पौधा रोपित किया। प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने मध्य प्रदेश भाजपा परिवार की ओर से स्मृति चिन्ह भेंट कर अभिनंदन किया। पीएम ने कहा कि पहली बार ITI के 9 लाख से अधिक छात्र-छात्राओं को कौशल दीक्षांत समारोह आयोजित किया गया है। 40 लाख से ज्यादा स्टूडेंट्स हमारे साथ वर्चुअल माध्यम से भी जुड़े हुए हैं। आप सभी को कौशल दीक्षांत समारोह का बहुत बहुत बधाई देता हूं। पीएम ने कहा कि बीते 8 वर्षों में देश ने भगवान विश्वकर्मा की प्रेरणा से नई योजनाएं शुरू की हैं, ‘श्रम एव जयते’ की अपनी परंपरा को पुनर्जीवित करने के लिए प्रयास किया है। आज देश एक बार फिर स्किल को सम्मान दे रहा है, स्किल डवलपमेंट पर भी उतना ही जोर दे रहा है। विश्वकर्मा जयंती, ये कौशल की प्राण प्रतिष्ठा का पर्व है। जैसे मूर्तिकार कोई मूर्ति बनाता है, लेकिन जब तक उसकी प्राण प्रतिष्ठा नहीं होती, वो मूर्ति भगवान का रूप नहीं कहलाती। युवा जब स्किल के साथ सशक्त होकर निकलता है, तो उसके मन में ये विचार भी होता है कि कैसे वो अपना काम शुरू करें। स्वरोजगार की इस भावना को सहयोग देने के लिए, आज आपके पास बिना गारंटी लोन दिलाने वाली मुद्रा योजना, स्टार्टअप इंडिया और स्टैंडअप इंडिया जैसी योजनाओं की ताकत भी है। अगर बात स्किल की होती है तो आपका मंत्र होना चाहिए- स्किलिंग, री-स्किलिंग और अपस्किलिंग।