उत्तरप्रदेश। Lakhimpur Kheri Rape Case लखीमपुर खीरी जिले के निघासन क्षेत्र में गन्ने के खेत में एक पेड़ पर फांसी से लटकती पाई गई दो दलित बहनों के साथ कथित बलात्कार और हत्या के मामले में बृहस्पतिवार को छह लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया। सभी को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पीड़ित परिवार को 25 लाख रुपए की आर्थिक सहायता, एक पक्का आवास एवं कृषि भूमि का पट्टा दिए जाने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री कार्यालय ने देर रात एक ट्वीट में कहा ‘मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनपद लखीमपुर में हुई आपराधिक घटना में पीड़िता के परिजनों को 25 लाख रुपये की आर्थिक सहायता, एक पक्का आवास एवं कृषि भूमि का पट्टा दिए जाने के निर्देश दिए हैं।’ मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा किए गए एक अन्य ट्वीट में कहा गया कि इस मामले में त्वरित अदालत में प्रभावी पैरवी कर एक माह के भीतर दोषियों को उनके कृत्य की सजा दिलाई जाएगी।
पुलिस सूत्रों ने यहां बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पता चला है कि 15 और 17 साल की दोनों बहनों के साथ बलात्कार किया गया और फिर गला घोंटकर उनकी हत्या कर दी गई। बुधवार को शव उनके घर से करीब एक किलोमीटर दूर फांसी पर लटकते पाए गए। पुलिस अधीक्षक (एसपी) संजीव सुमन ने संवाददाताओं को बताया कि प्रारंभिक जांच के अनुसार लड़कियां बुधवार दोपहर दो आरोपियों जुनैद और सोहेल के साथ घर से निकली थीं। लड़की की मां ने पहले आरोप लगाया था कि उनका अपहरण किया गया था। एसपी ने कहा, ‘जुनैद और सोहेल ने लड़कियों के साथ बलात्कार करने के बाद गला घोंटने का जुर्म कुबूल किया है। वे दोनों दो बहनों के साथ रिश्ते में थे। लड़कियां शादी की जिद कर रही थीं, जिसके बाद उनका गला घोंट दिया गया।’’ गिरफ्तार किए गए अन्य लोगों की पहचान हफीजुर्रहमान, करीमुद्दीन, आरिफ और छोटू गौतम के रूप में हुई है। पुलिस ने बताया कि जुनैद को सुबह करीब साढ़े आठ बजे मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार किया गया। उसके पास से एक मोटरसाइकिल, देसी पिस्तौल और कारतूस बरामद किया गया है।
पुलिस ने सभी आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या), 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), 376 (बलात्कार) और 452 (चोट, हमला या गलत तरीके से रोकना) तथा पोक्सो अधिनियम की सुसंगत धाराओं में मामला दर्ज किया है। एससी/एसटी अधिनियम के प्रावधानों को भी प्राथमिकी में शामिल किया गया है। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता बृजेश पांडे ने बताया कि सभी अभियुक्तों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। इससे पहले पीड़ित परिवार ने अंतिम संस्कार से पहले परिवार के एक सदस्य के लिए सरकारी नौकरी, पर्याप्त मुआवजा और सभी छह आरोपियों को मौत की सजा देने की मांग की थी। जिला अधिकारी महेंद्र बहादुर सिंह और पुलिस अधीक्षक संजीव सुमन तथा अन्य अधिकारियों की मौजूदगी में दोनों शवों को एक खेत में दफना दिया गया। पुलिस अधीक्षक सुमन ने उन दावों को खारिज कर दिया कि पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजने के लिए बल प्रयोग किया। उन्होंने कहा कि पोस्टमार्टम परिवार की सहमति से किया गया था। पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी भी कराई गई है। इस बीच लड़कियों के पिता ने मामले में पुलिस की कार्रवाई पर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने कहा, ‘हम मामले में अब तक की पुलिस कार्रवाई से संतुष्ट हैं।’ विपक्ष ने कानून-व्यवस्था को लेकर राज्य की भाजपा नीत सरकार की आलोचना की है।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा के निर्देश पर प्रदेश कांग्रेस कोषाध्यक्ष सतीश अजमानी के नेतृत्व में पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल ने लखीमपुर खीरी जाकर पीड़ित परिवार से मुलाकात की और उसे इंसाफ दिलाने का भरोसा दिलाया। कांग्रेस प्रवक्ता अंशु अवस्थी ने बताया कि कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं ने लखीमपुर की जघन्य घटना और प्रदेश में भाजपा सरकार की ध्वस्त कानून-व्यवस्था के विरोध में राजधानी लखनऊ में पार्टी प्रदेश कार्यालय से जीपीओ तक कैण्डल मार्च निकाला और पीड़ित परिवार को शीघ्र न्याय दिलाने की मांग की। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक ट्वीट में कहा, ‘लखीमपुर में दिन-दहाड़े, दो नाबालिग दलित बहनों के अपहरण के बाद उनकी हत्या, बेहद विचलित करने वाली घटना है। बलात्कारियों को रिहा करवाने और उनका सम्मान करने वालों से महिला सुरक्षा की उम्मीद की भी नहीं जा सकती। हमें अपनी बहनों-बच्चियों के लिए देश में एक सुरक्षित माहौल बनाना ही होगा।’ कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गुजरात के बिल्कीस बानो सामूहिक बलात्कार के 11 दोषियों की रिहाई की ओर इशारा कर रहे थे। भाजपा के नेतृत्व वाली गुजरात सरकार ने अपनी छूट नीति के तहत इस कांड के दोषी लोगों की रिहाई की अनुमति दी थी।
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने ट्वीट कर कहा, “लखीमपुर खीरी में मां के सामने दो दलित बेटियों का अपहरण व दुष्कर्म के बाद उनके शव पेड़ से लटकाने की हृदय विदारक घटना सर्वत्र चर्चाओं में है। ऐसी दुःखद व शर्मनाक घटनाओं की जितनी भी निंदा की जाए, वह कम है। यूपी में अपराधी बेखौफ हैं, क्योंकि सरकार की प्राथमिकताएं गलत हैं!” मायावती ने कहा, “यह घटना यूपी में कानून-व्यवस्था व महिला सुरक्षा आदि के मामले में सरकार के दावों की पोल खोलती है। हाथरस कांड सहित ऐसे जघन्य अपराधों के मामलों में ज्यादातर लीपापोती होने से ही अपराधी बेखौफ हैं। यूपी सरकार अपनी नीति, कार्यप्रणाली व प्राथमिकताओं में आवश्यक सुधार करे।” पीड़िता की मां ने बुधवार रात निघासन कोतवाली थाने में शिकायत दर्ज कराई थी कि उसकी बेटियों के साथ दुष्कर्म कर उनकी हत्या कर दी गई है। उन्होंने आरोप लगाया था कि मोटरसाइकिल सवार तीन अज्ञात युवकों ने उनके पड़ोसी छोटू के साथ उनकी झोपड़ी में धावा बोल दिया और उनकी बेटियों का अपहरण कर लिया। परिवार ने बाद में लड़कियों को गांव से करीब एक किलोमीटर दूर एक खेत में पेड़ से लटका पाया।
घटना से आक्रोशित ग्रामीणों ने निघासन चौराहे पर प्रदर्शन किया। पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर एंबुलेंस से जिला मुख्यालय भिजवाया, जबकि एसपी सुमन और अपर पुलिस अधीक्षक (एपीएस) अरुण कुमार सिंह ने ग्रामीणों से बात कर उन्हें समझाया-बुझाया। गांव में एहतियात के तौर पर बड़ी संख्या में पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया था। लखनऊ के वरिष्ठ अधिकारियों को भी मौके पर भेजा गया है। उत्तर प्रदेश के दोनों उपमुख्यमंत्रियों केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक ने कहा कि सरकार पीड़ितों के परिवार के साथ है।
मौर्य ने एक ट्वीट में कहा ‘सरकार पीड़ित परिवार के साथ है! मुद्दा विहीन विपक्ष ऐसे मामलों में राजनीति न करे!’ उन्होंने कहा ‘ये अत्यधिक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। हम पीड़ित परिवार के साथ हैं। घटना के छह अभियुक्त गिरफ्तार कर लिए गए हैं। जो भी अपराध करेगा, वो अपराधी न बच पायेगा और न कोई उसे बचा पायेगा। अपराधियों के खिलाफ कठोर से कठोर कार्रवाई की जाएगी।’ उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने संवाददाताओं से कहा ‘लखीमपुर की घटना का पर्दाफाश हो गया है। इस प्रकरण में सरकार ऐसी कठोर कार्रवाई करेगी कि इन अभियुक्तों की आने वाली पीढ़ियों की रूह भी कांप जाएगी। सरकार पूरी तरह से पीड़ित परिवार के साथ है। हम इस मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट में ले जाएंगे और दोषियों को सजा दिलाएंगे।