नई दिल्ली। ग्रहों की चाल निरंतर जारी है। Shukra Asta 2022: अगर आप भी कोई शुभ काम करने की सोच रहे हैं तो आपको बता दें आपके पास केवल कुछ ही दिन शेष हैं। क्योंकि शुक्र के अस्त होते ही शुभ कार्यों पर विराम लग जाएगा। यानि अगर आप विवाह बंधन में बंधना चाहते हैं तो इसके लिए आपको अब पूरे तीन महीने का इंतजार करना होगा। पंडित राम गोविंद शास्त्री के अनुसार शुक्र को सुख का कारक माना जाता है। इसके अस्त होेने पर एक तो शुभ कार्यों पर विराम लग जाएगा। तो दूसरी ओर लोगों के सुखों में भी कमी आएगी। चलिए जानते हैं शुक्र का क्या असर होने वाला है।
इतने दिन तक बंद होंगे शुभ काम –
आपको बता दें पंडित राम गोविंद शास्त्री का कहना है कि लोक विजय पंचांग के अनुसार सुख और भौतिक समृद्धि के कारक शुक्र ग्रह 29 सितंबर को अस्त होने जा रहे हैं। स्थान के अनुसार किसी भी ग्रह के गोचर में 6 से 7 दिन का अंतर आ जाता है। इसी के चलते लोक विजय पंचांग के अनुसार 29 सितंबरत को अस्त हो रहे शुक्र 20 नवंबर तक इसी स्थिति में रहेंगें। ज्योतिषाचार्यों की मानें तो गुरू और शुक्र दो ऐसे ग्रह हैं जो शुभ कामों की शुरूआत के लिए उदित अवस्था में जरूरी माने जाते हैं। ये ही दो ग्रह ऐसे हैं जो अस्त होते हैं। ऐसे में 20 नवंबर को शुक्र के उदित होने से शुभ कामोें की शुरूआत होगी।
भौतिक सुख-सुविधाओं में आएगी कमी –
ज्योंतिषाचार्य की मानें तो शुक्र को सुख समृद्धि का कारक माना जात है। इनके अस्त होते ही विभिन्न राशि के जातकों को सतर्क रहना होगा। उनके सुखों में कमी आएगी। लोगों के उत्साह में कमी आएगी। साथ ही वैभव, यश और कीर्ति में भी गिरावट आ सकती है।
शुक्र कैसे होता है अस्त-
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब भी कोई ग्रह सूर्य के नजदीक जाता है तो उसे ग्रहों के राजा सूर्य अस्त कर देते हैं। 15 सितंबर को सूर्य के पास जाते हुए शुक्र अस्त हो जाएंगे। कहते हैं कि किसी भी ग्रह के अस्त होने से उसके कारक तत्वों में कमी आ जाती है। इसलिए शुक्र के अस्त होने पर उससे मिलने वाले लाभों में कमी आती है।
शुक्र के अशुभ प्रभाव से बचाव के उपाय-
शुक्र अस्त से जीवन में आने वाली समस्याओं से मुक्ति पाने के लिए जातक को शुक्र के बीज मंत्र ऊं द्रां द्रीं द्रौं स: शुक्राय नम: का जाप करना चाहिए। शुक्रवार के दिन उपवास करने व प्रात: काल में शुक्र देव को जल देना शुभ माना गया है।
नोट : इस लेख में दी गई सूचनाएं सामान्य जानकारियों पर आधारित है। बंसल न्यूज इसकी पुष्टि नहीं करता। अमल में लाने से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
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