शाहजहांपुर। उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले में एक निजी अस्पताल के संचालक ने एक महिला के प्रसव की फीस न दे पाने के कारण कथित तौर पर उसकी नवजात बच्ची को दूसरे धर्म के एक व्यक्ति को बेचकर इसकी भरपाई कर ली। पुलिस सूत्रों ने बताया कि बाद में मामले के तूल पकड़ने के बाद बच्ची को उसके माता-पिता को वापस कर दिया गया है, जबकि इस प्रकरण में रिपोर्ट दर्ज कर अस्पताल को सील कर दिया गया है। अपर पुलिस अधीक्षक संजय कुमार ने शुक्रवार को बताया कि थाना निगोही अंतर्गत त्रिलोकपुर गांव में रहने वाले रमाकांत की पत्नी संगीता को प्रसव पीड़ा के बाद स्थानीय नवजीवन अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां बुधवार रात में उसने एक बच्ची को जन्म दिया। कुमार के अनुसार, आरोप है कि अस्पताल संचालक ने दूसरे दिन संगीता से यह कहते हुए बच्ची ले ली कि तुम इसका पालन-पोषण कैसे कर पाओगी।
उन्होंने बताया, ‘‘अस्पताल संचालक ने संगीता से यह भी कहा कि नवजात को लेकर तुम्हारी छह बेटियां हो गयीं, ऐसी स्थिति में तुम अस्पताल की फीस भी नहीं भर पाओगी। इसके बाद अस्पताल संचालक ने एक मुस्लिम दंपती को बुलाकर बच्ची को उसे सौंप दिया तथा उससे अपने अस्पताल की फीस वसूल ली।’’ प्राप्त जानकारी के अनुसार, विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) स्थानीय नेता राजेश अवस्थी को जब घटना की जानकारी मिली तो वह अपने कार्यकर्ताओं के साथ निगोही पहुंच गए तथा बृहस्पतिवार शाम को अस्पताल के सामने डॉक्टर का पुतला फूंका एवं मामले की जानकारी अधिकारियों को दी।
इस बीच, मामले ने जब तूल पकड़ा तो मुस्लिम दंपती ने बच्ची को अस्पताल संचालक को वापस कर दिया। जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आरके गौतम ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि जब उन्हें मामले की जानकारी मिली तो उन्होंने अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. रोहतास के साथ एक दल को निगोही भेजा। उन्होंने बताया कि अस्पताल का पंजीकरण न होने के कारण उसे जांच दल द्वारा सील कर दिया गया है, जबकि अस्पताल का संचालक फरार हो चुका है। गौतम के अनुसार, पूरे मामले की जांच के लिए एक कमेटी बना दी गई है, जो जांच करके रिपोर्ट देगी। पुलिस ने अस्पताल संचालक डॉ अशोक राठौर के विरुद्ध बृहस्पतिवार देर रात मामला दर्ज कर लिया है। आरोपी घटना के बाद से फरार है, जिसे पुलिस तलाश कर रही है।